जनस्वास्थ्य विभाग का जेई. को 6 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू ठेकेदार से जेई ने 2 हजार के नए नोटो की थी मांग
: सोनीपत( आदेश त्यागी )’ सोनीपत विजिलेंस द्वारा पकड़ा गया रिश्वत का आरोपी जेई लाल घेरे में।
सोनीपत। भ्रष्टाचार कम करने के लिए जहां केन्द्र सरकार के द्वारा बड़े नोटों को बंद कर दिया गया है, परन्तुु भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता का है। कनिष्ठ अभियंता ठेकेदार के बिल पास करने के एवज में रिश्वत ले रहा था। विजिलेंस की टीम ने जेई को 6 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ काबू किया है। विजिलेंस ने जेई का मेडिकल परीक्षण करने के बाद जांच शुरू कर दी है।
गांव कामी निवासी ठेकेदार श्रवण कुमार ने बताया कि उसकी कंस्ट्रक्शन कंपनी है। कई माह से एक निर्माण कार्य का बिल जनस्वास्थ्य विभाग की डिविजन-2 के कनिष्ठ अभियंता मुकेश के पास अटका हुआ था। बिल पास कराने के लिए उसने मुकेश से बात की तो उसने रिश्वत की मांग की। इस पर 6 हजार रुपये में मामला तय हो गया। जिसके बाद श्रवण ने मामले की शिकायत विजिलेंस की टीम को कर दी। विजिलेंस निरीक्षक राजीव सोनी के नेतृत्व में एसआइ रामेहर, एएसआइ कटार सिंह, नेत्रपाल, सुरजीत की टीम का गठन किया गया। इसके बाद मामले से उपायुक्त को अवगत कराया गया। उपायुक्त के निर्देश पर नायब तहसीलदार छोटे लाल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। वीरवार को श्रवण विजिलेंस के बताए अनुसार मुकेश के पास उसके कार्यालय में गया। जब उसने रिश्वत की राशि लेकर विजिलेंस की तरफ इशारा कर दिया। जिस पर टीम ने तुरंत कारवाई करते हुए मुकेश को रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम ने उसके कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद कर ली। ठेकेदार श्रवण कुमार ने बताया कि आरोपी ने बिल पास करने की एवज में छह हजार रुपये की मांग की थी। साथ ही कहा था कि रिश्वत के रूप में दो-दो हजार के नए नोट ही लेगा। जिस पर उसने विजिलेंस को नए नोट ही देने को कहा था। विजिलेंस निरीक्षण राजीव सोनी ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। जिस पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में मामला दर्ज किया गया। आरोपी को रंगे हाथ काबू कर लिया गया है। भ्रष्टाचार किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।