कैश न मिल पाने से जवाब दे रहा लोगों का धैर्य
सोनीपत,इंडिया की दहाड़ , ( आदेश त्यागी ) : नोटबंदी के बाद नई करेंसी के संकट से जूझ रहे बैंक की गाड़ी पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रही है। कैश के लिए बैंक का चक्कर काट रहे उपभोक्ताओं का धैर्य भी अब जवाब देने लगा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से बैंक कर्मचारियों व उपभोक्ताओं के बीच कहासुनी के मामले भी सुनने में आ रहे है।
बुधवार को गोहाना के सिविल मार्ग स्थित पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा के सामने लाइन में लगे सैंकड़ों उपभोक्ता परेशानी में नजर आए। उपभोक्ताओं ने कहा कि अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है। अब उनसे सहन नहीं हो रहा है। अगर जल्द ही कुछ उनके बारे में नहीं सोचा गया तो वह कोई बड़ा कदम उठाने पर भी मजबूर हो सकते है।
एटीएम से कैश निकले तो ठीक
एटीएम बूथों के सामने जैसे ही कैश वैन पहुंचती है, लोगों की लंबी लाइन लग जाती है। फोन करके लोग अपने परिचितों को बुला लेते हैं। बुधवार की सुबह इंडियन बैंक व कॉर्पोरशन बैंक की शाखाओं में लगे एटीएमओं से पैसे निकलते रहे ओर समाप्त होने पर लोगों ने हंगामा कर दिया।
अब हर रोज नहीं आया जाता
गोहाना के देवी नगर निवासी दया सिंह ने कहा कि पिछले लगातार दो सप्ताह से वह बैंक में कैश लेने के लिए चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अभी तक एक पैसा नहीं मिला है। नंबर आया था तो बैंक कर्मी दो हजार रुपये देने की बात करते है। मिन्नते करने पर भी उनकी नहीं सुनते। बुजुर्ग होने की भी कोई लाज-शर्म नहीं है, अब हर रोज नहीं आया जाता।
एक माह बीत गया नहीं मिली पेंशन
गोहाना के आर्दश नगर निवासी जयसिंह ने कहा कि नोटबंदी को एक माह से ऊपर गुजर गया है, उनकी पेंशन भी बैंक में आई हुई है। लेकिन अब गेट के सामने नंबर आता है तो धक्का-मुक्की कर युवा उपभोक्ता अंदर घुस जाते है उन्हें जाने नहीं देते। वह हर रोज थक कर वापिस चला जाता है।
नहीं हो रहे दूसरे काम
गांव रभड़ा निवासी सूरजमल ने कहा कि बच्चे पढ़ाई करते है, उन्हें कोई फार्म ऑन लाइन जमा करवा था जिसकी फीस पीएनबी बैंक में जमा करवानी है। लेकिन उसने पुलिस कर्मियों को फार्म भी दिखाए, लेकिन लाइन में लगे उपभोक्ता व पुलिस कर्मी उन्हें जाने ही नहीं देते। बच्चों को भविष्य खराब हो जाएगा।