दीनबंधु सर छोटूराम की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन
कैथल गांव पाई के दासू पट्टी दरवाजा में दीनबंधु सर छोटूराम की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया
युवा किसान नेता और समाजसेवी सज्जन सिंह ढुल ने कहा कि चौधरी छोटूराम एक युग परिवर्तनकारी पुरूष थे। उनका पूरा जीवन जन-सेवा का एक अनुपम उदाहरण है। ग्रामीण परिवेश में एक गरीब किसान के घर पले-पढ़े चौधरी छोटूराम ने किसानों, मज़दूरों और गरीब लोगों की जिन्दगी को नज़दीक से देखा था और उनके दु:ख तकलीफों एवं कठिनाइयों को उन्होंने स्वयं भुगता था। उन्होंने किसान हित के कई कानून बनवाए।
किसानों को कर्जों से मुक्ति दिलवाई
गिरवी रखी हुई ज़मीनें किसानों को वापस दिलवाईं।आज व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सप्ताह में एक दिन का अवकाश होता है और घण्टे भी निर्धारित हैं, यह भी उन्हीं की देन है। ढुल ने कहा कि सर छोटूराम ने जहां किसानों को साहूकारों के कर्ज से मुक्त करवाया वहीं मजबूर मजदूर वर्ग को मजबूत बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सर छोटूराम ने तीर – तमंचे, तोप – तलवार से नहीं बल्कि कानून के सहारे से संघर्ष करके किसानों की हालत में सुधार किया। उन्होंने लोगों को सर छोटूराम के संघर्षपूर्ण जीवन को विस्तार से बताया और समझाया कि किस प्रकार अंग्रेजों के वायसराय से किसानों को उनकी फसलों के अच्छे भाव दिलवाए।
भाखड़ा नंगल डैम सर छोटू राम की देन
भाखड़ा बांध परियोजना उन्हीं के दिमाग की उपज थी।उन्होंने सर छोटू राम को किसान व मजदूर का सच्चा हितेषी बताया। उन्होंने कहा कि वे केवल किसानों के ही नहीं बल्कि कृृषि व्यवस्था से जुडे सभी वर्गो के मसीहा थे। इस अवसर पर हसन ढुल, रविंद्र ढुल, अनित कुमार, बलजीत सिंह, सतीश कुमार, रमेश पूनिया, नसीब ढुल, चेतराम शर्मा, संदीप ढुल समेत अनेको ग्रामीण मौजूद रहे।