दिल्ली

मोदी और कोहली अपने-अपने क्षेत्रों के ‘शानदार’ खिलाड़ी: अरुण जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को 2019 के आम चुनाव और भारत के क्रिकेट विश्व कप फिर से जीतने की संभावनाओं पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली अपने-अपने क्षेत्रों के ‘शानदार’ खिलाड़ी हैं, जिन्हें शिकस्त देना आसान नहीं है।


अगले साल मई के अंत तक भारत में नयी सरकार के लिए चुनाव होगा, जबकि भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप खेलने के लिए इंग्लैंड और वेल्स जायेगी. ये दोनों कार्यक्रम आसपास होने हैं. ‘एजेंडा आजतक’ में क्रिकेट के प्रशंसक और राजनीतिक टिप्पणीकार जेटली से आम चुनाव और विश्व कप की भावी संभावनाओं के बारे में उनकी राय पूछी गयी थी. उन्होंने कहा, दोनों क्षेत्रों में, शानदार खिलाड़ी विराट कोहली और नरेंद्र मोदी हैं और उन्हें पराजित करना आसान नहीं है. कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम पर दांव लगाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम को खेल के छोटे प्रारूप में हराना बहुत मुश्किल है. चुनावों पर जेटली ने कहा कि विपक्षी दलों का महागठबंधन एक विफल विचार है, क्योंकि कोई भी देश ऐसी पार्टियों के गठबंधन को चुनकर खुदकुशी नहीं करने जायेगा जिसमें स्थिरता या विचारधारा नहीं है या नेता को लेकर कोई निश्चिता नहीं है।


अरुण जेटली


उन्होंने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर राफेल लड़ाकू विमान सौदे और फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. माल्या बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में वांछित है। वित्त मंत्री ने कहा, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि उन्होंने (राहुल गांधी ने) दोनों मुद्दों (राफेल और माल्या) पर झूठ बोला है. झूठ का जीवन लंबा नहीं होता है और अगर आप गंभीर राजनीति करना चाहते हैं और साख चाहते हैं, तो यह अहम है कि आप मुद्दों की गंभीरता को समझें। लंबे अरसे तक राजनीति करने के लिए उनके लिए यह अनिवार्य है. उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली संप्रग सरकार पर भारतीय वायु सेना को उसकी जरूरत के लड़ाकू विमान उपलब्ध नहीं कराने के लिए पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि मौजूदा भाजपा नीत राजग सरकार की ओर से किया गया सौदा पिछले करार से सस्ता है।


जेटली ने कहा, अगर हमारे पास 100 किलोमीटर दूर से निशाने पर गोलाबारी करने वाले लड़ाकू विमान होते, तो (करगिल) युद्ध थोड़े समय में समाप्त हो जाता. उन्होंने कहा कि सरकार बिना हथियार वाले विमान संप्रग सरकार द्वारा किये गये सौदे की तुलना में नौ प्रतिशत कम दर पर ले रही है, जबकि हथियारों से लैस विमान की कीमत पिछले करार से 20 फीसदी कम है. वित्त मंत्री ने कहा, यह शर्म की बात है कि वायु सेना ने 2001 में (जब राजग सरकार सत्ता में थी) लड़ाकू विमानों की मांग की थी और 2014 तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति से कहा कि हम पहले की तुलना में इसे कम कीमत (टर्म एंड कंडीशंड) पर खरीदेंगे।


राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की कांग्रेस की मांग के बारे में सवाल किया गया, तो जेटली ने कहा कि कीमत का विवरण उच्चतम न्यायालय को दिया गया था जिसने कहा है कि प्रक्रिया का अनुसरण किया गया है। उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ऑफसेट का फैसला दसॉल्ट (राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी) ने किया। वित्त मंत्री ने कहा, संसदीय समितियों का पार्टी लाइन पर बंटने का इतिहास रहा है. वहां हमारा बहुमत है. लेकिन, इस सबसे उस चीज में और देर होगी जिसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरत है. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद जांच की मांग करने की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती।


 

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