हरियाणा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम नीति के तहत सेमिनार का आयोजन किया गया।
पानीपत (अमित जैन)
हरियाणा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम नीति के तहत स्थानीय होटल में जिला स्तरीय उद्योगपतियों की सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के मुख्य अतिथि हरियाणा उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र कुमार रहे।
कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने की। जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक आर.के.राणा ने सेमिनार के एजेण्डे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उद्योगपति रमेश वर्मा ने कार्यशाला में आने पर सभी का स्वागत व आभार व्यक्त किया।
देवेन्द्र कुमार ने कहा कि हरियाणा ने अपने गठन के कुछ ही समय में कृषि और उद्योग क्षेत्र में विकास किया है। सरकार के निरन्तर प्रयासों के कारण हरियाणा का तेजी से औद्योगिक विकास हुआ है और डीआईपीपी व विश्व बैंक रेकिंग में देश में तीसरा तथा उत्तर भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया हैI
हरियाणा सरकार की योजनाओं के तहत प्रदेश के पांच बड़े शहरों में तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है। पानीपत टैक्सटाइल हब है और दिल्ली के नजदीक होने के कारण यहां प्रतिवर्ष हजारों देशी-विदेशी बायर भी आते हैं। इसलिए सारी दुनिया में ई-मार्किटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। ई-मार्कि टिंग कागजलैस और कोन्टैक्टलैस एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें खरीददार व विके्रता दोनों का रिकार्ड बनाया जाता है।
इसके लिए जेम-पोर्टल बनाया गया है। इसमें सभी कम्पनियां अपना व अपने उत्पादन का रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं। इसके तहत 33 हजार करोड़ से अधिक ट्रांजैक् शन हो चुके हैं। इसलिए उद्योगपतियों को नई हरियाणा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम नीति को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग देना चाहिए और प्रदेश के तेजी से औद्योगिक विकास के लिए उद्यमियों को सिडबि व स्पीड की योजनाओं का भी लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार औद्योगिक विकास को मुख्य प्राथमिकता दे रही है और बड़े शहरों में उद्योगों का सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे के बाद सरकार को इस शहर में कितने छोटे-बड़े उद्योग है। इसका सही आंकड़ा मिल जाएगा और इन आंकड़ों के आधार पर ही नई योजना अमल में लाई जाएगी।
एचआईडीसी के महाप्रबंधक नरहरिसिंह बांगड़ ने कहा कि हरियाणा के उद्योगिक विकास के लिए एसीएस देवेन्द्र कुमार ने विभाग को उल्लेखनयी सहयोग दिया है। अब सभी प्रकार की एनओसी प्राप्त करने में कम समय लगता है और पानीपत की समस्याओं को समाधान करवाने में भी वे उल्लेखनीय सहयोग देते हैं। उद्योगपतियों को अपनी समस्याओं को डीआईसी केन्द्र के माध्यम से भेजना चाहिए। बैठक में जिला के अधिकतर उद्योगपतियों ने भाग लिया।