मात्र 35 गज के मकान की छत पर खुम्भी उद्योग
बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती बेरोजगारी वर्तमान युग की एक बड़ी समस्या भले ही हो,
लेकिन समाज के जिन व्यक्तियों की आत्मनिर्भर बनने की प्रबल इच्छा होती है,
वो अपना कोई न कोई रोजगार का साधन ढूंढ निकालते हैं और अपने स्व रोजगार
को सफल बनाकर दूसरों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। ऐसी ही कहानी है-
पानीपत जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर आबाद गांव राजाखेड़ी
की नन्ही रानी की।
जिसने मात्र 35 गज के मकान की छत पर खुम्भी उद्योग लगाकर न केवल स्वयं की
रोजी-रोटी का प्रबन्ध किया, बल्कि अन्य महिलाओं को भी स्वयं सहायता
समूहों के माध्यम से स्व रोजगार अपनाने के लिए प्रेरित किया है
और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। इस खुम्भी उद्योग के माध्यम
से वह एक वर्ष में लगभग 80 हजार रूपये की आय प्राप्त करती हैं।
वह अपने काम के साथ-साथ इस खुम्बी उत्पादन के कार्य को भी बढ़ावा देकर
अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रही है।
नन्ही के पति भी एक खेतीहर मजदूर है। नन्ही रानी ने बताया कि उसने कृषि विज्ञान केन्द्र उझा से
मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लेकर अपने इस छोटे से मकान की छत पर ही खुम्भी
उत्पादन का कार्य शुरू किया था।
अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखने वाली नन्ही कक्षा 12वीं पास है तथा गांव के अभिनन्दन
महिला ग्राम संगठन के सचिव के पद पर कार्य भी करती है।
इस संगठन की प्रधान कमलेश को बनाया गया है। अब नन्ही रानी ने जिला के जयप्रकाश नारायण
पीएनबी स्वरोजगार केन्द्र से बैंक सखी का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है,
जिसमें उसने उल्लेखनीय अंक प्राप्त किए हैं।
नन्ही रानी की इकाई की मशरूम की क्वालिटी अन्य से बेहतर है और पानीपत
की सब्जी मंडी में मशरूम को बड़े आत्मविश्वास के साथ बेचती हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबन्धक मुन्तजिर आलम का कहना है कि नन्ही रानी की
समझदारी और कार्यकुशलता के कारण ही उनका यह प्रोजेक्ट सफल हुआ है।
आज नन्ही रानी अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा दिलवा रही है