आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स की हड़ताल 51वें दिन भी जारी
आगंनबाडी कर्मियों ने आज 51वे दिन हड़ताल करके जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने हड़ताल व धरने की अध्यक्षता सत्यबाला व संचालन सुनीता चहल ने किया।
ईश्वर देवी, राज बाला शर्मा व अन्य आगंनबाड़ी नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने 24 जनवरी को मीडिया में वर्करों व हैल्परों के बारे अलग-अलग राज्यों के मानदेय के आंकड़े रखकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश है जोकि सत्य नहीं है।
सरकार ने दावा किया है कि हरियाणा में वर्कर व हेल्पर को मानदेय देने के मामले में दूसरे नंबर पर है। हम तथ्यों के आधार पर बताना चाहते हैं कि हरियाणा दूसरे पर नहीं 5वें नंबर पर है। पांडिचेरी व तमिलनाडु में वर्कर व हैल्पर को कर्मचारी का दर्जा मिला हुआ है। पांडिचेरी में वर्कर व हैल्पर का मानदेय क्रमशः 19480 व 13330, तेलंगाना में 13650 व 7800, तमिलनाडु में 13453 व 7720, केरल में 13000 व 8750 (1000,500 घोषित), मध्य प्रदेश में 10000 व 5000 रूपये मिल रहा है।
इसी प्रकार रिटायरमैंट लाभ प. बंगाल में 3 लाख रूपये वर्कर व हैल्पर को मिल रहा है। केरल में कईं सालों से 1 लाख व 75000, कर्नाटक में भी यही, महाराष्ट्र, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में 1 लाख 50 हजार कईं सालों से मिल रहा है। राज्यों में आमदन के मामले में हरियाणा प्रतिव्यक्ति आय के हिसाब से देश में प्रथम स्थान पर है। जबकि राज्यों में आमदन के हिसाब से पांडीचेरी 6वें, तमिलनाडु 8वें, केरल 9वें, तेलंगाना 12वें, मध्य प्रदेश 27वें स्थान पर है। आमदनी के हिसाब से खर्च भी अधिक होते हैं, यह सरकार अच्छे से जानती है। वर्कर्स व हैल्पर्स केवल वही मांग रहे हैं जो 4 साल पहले सरकार घोषणा कर चुकी है।
उन्होने बताया कि राज्य में जो मानदेय पहले से मिल रहा है उसका सरकार ने जिक्र किया है। वह बताए कि उसके बाद माननीय प्रधानमंत्री ने सिंतबर 2018 में मानदेय में वर्करों के 1500 और हैल्परों का 750 रूपये की बढ़ौतरी दी थी। पिछले 4 साल से केंद्र सरकार से यह पैसा हरियाणा सरकार ले रही है उसे वर्करों व हैल्परों को क्यों नहीं दे रही। राज्य के मुख्यमंत्री ने स्वयं 6 मार्च 2018 को विधानसभा में घोषणा की थी कि वर्करों को राज्य सरकार की आऊटसोर्स पॉलिसी में ठेका कर्मचारी की अर्धकुशल-अकुशल की श्रेणी की मान्यता देकर उनके बराबर मानदेय मिलेगा व इसे महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाएगा।
इसमें 10 साल की सेवा से अधिक पर अर्धकुशल का मानदेय तय हुआ था और इससे कम सेवा पर अकुशल का मानदेय। यही नहीं सरकार ने दो किस्त महंगाई भते की भी 2019 में जोेड़ी थी। लेकिन अब राज्य सरकार इस निर्णय से पीछे हट रही है। हाल ही में सरकार ने कौशल विकास निगम के तहत ठेका कर्मचारियों की राज्य में तीन कैटेगरी बनाकर वेतन तय किए हैं जिसमें अर्धकुशल ठेका कर्मचारी का वेतन 15763-19272 रूपये व अकुशल कैटेगरी का 14330-17520 रूपये है। दो साल से प्रत्येक वर्कर के हिसाब से 8000 रूपये केन्द्र सरकार से राज्य सरकार मोबाईल खरीदने के लिए लेकर बैठी है।
यह राशि 20 करोड़ 8 लाख रूपये बनती है। सरकार मोबाईल नहीं दे रही और वर्करों से आनलाईन काम का दबाव बना रही है। सरकार को इस बारे जवाब देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्वंय 29 दिसंबर 2021 को यूनियनों के साथ बातचीत में वायदा किया था कि आंगनवाड़ी वर्करों व हैल्परों को आशा वर्कर्स की तर्ज पर 3 लाख रूपये एक्सग्रेशिया दिया जाएगा, जो नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार आन्दोलन को खत्म करने के लिए वर्करों व हैल्परों कोे सेवा से बर्खास्त कर रही है, मुकदमें दर्ज कर रही है। कोविड की डयूटी के दौरान किए गए काम के 1000 रूपये एकमुश्त राशि जारी करने और जो रिटायरमैंट लाभ 1 लाख व 50 हजार की घोषणा की है। 2 जनवरी और 12 जनवरी को विभाग की ओर से पत्र जारी करके निर्देश दिए गए हैं कि यह लाभ केवल उन वर्करों व हैल्परों को मिलेगा जो हड़ताल पर नहीं है, घोर निंदनीय है और गैरकानूनी है और सरकार की बौखलाहट को ही दर्शाता है।
इस प्रकार की कार्यवाही से आन्दोलन कमजोर होने की बजाय और ज्यादा मजबूत हो रहा है। प्रदर्शन करते हुए चोक मे समापन किया। शनिवार को राज्य कमेटी के फैसले अनुसार गांवों में पंचायतों से व अन्य सहयोगियों से मिल कर सरकार की हठधर्मी व आगंनबाड़ी बच्चों के विकास और गर्भवती महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है का कार्यक्रम करेगीं धरना शनिवार को नहीं होगा।
धरने में रतन जिन्दल, नरेश शर्मा, फूल चन्द, ईश्वर देवी, राजबाला, प्रिया शर्मा, दर्शना, किरण, बबीता, रोशनी, उर्मिला, सुनीता गीता, रीटा, रितू चांग, बबली, कमलेश मिताथल, अनिता, प्रोमिला, किरण बामला, शकुन्तला, उषा कैरु, अर्चना, बाला बीना गुजरानी, शरोज नाथुवाश, राजबाला निनान, सुमन सैय, कमलेश बडेसरा, मूर्ति सुमित्रा धनाना, प्रेम तिगड़ाना, खरक कलाँ आदि सभी गावों से वर्कर हैल्पर शामिल हुए।