एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में वर्ल्ड रेड क्रॉस डे पर आयोजित दो दिवसीय
यूथ रेड क्रॉस के तत्वाधान में हुआ विविध कार्यक्रमों का आयोजन
“मानव जीवन की रक्षा करना रेडक्रास का उद्देश्य”: गौरव आर करण
“रक्तदान से बड़ा दान आज भी कोई अन्य नहीं है”: डॉ पूजा सिंघल
एसडी पीजी कॉलेज में यूथ रेड क्रॉस एवं कॉलेज एनएसएस यूनिट के संयुक्त
तत्वाधान में वर्ल्ड रेड क्रॉस डे के शुभअवसर पर दो दिवसीय कार्यशाला एवं विविध
कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमे गौरव आर करण सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी
पानीपत, डॉ पूजा सिंघल इंचार्ज रेड क्रॉस ब्लड बैंक पानीपत, प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा,
यूथ रेड क्रॉस के नोडल अधिकारी डॉ राकेश गर्ग, एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ संतोष
कुमारी, डॉ एसके वर्मा समेत एनएसएस के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.
माननीय वक्ताओं ने अपने अनुभवों और ज्ञान को कॉलेज एनएसएस यूनिटस के लगभग
110 कार्यकर्ताओ के साथ साझा किया. इस अवसर पर समाज को जागरूक बनाने हेतू
तथा वर्ल्ड क्रेसेंट डे के अवसर पर उन्हें थेलेसेमिया की जानकारी देने के लिए लघु
नाटिका का मंचन किया गया. नाटिका के माध्यम से छात्र-छात्राओं को रक्तदान करने के
लाभों से अवगत कराया गया और उन्हें कहा गया की रक्तदान महादान है. पर्यावरण
संरक्षण और बढ़ते प्रदुषण एवं गर्मी से बचने के लिए वृक्षारोपण अभियान किया गया
और इसे लेकर जागरूकता रैली निकाली गई. इस अवसर पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता
का आयोजन किया गया जिसमे बीए प्रथम वर्ष की इशिका ने पहला, दीक्षा ने दूसरा और
रिंकी ने तीसरा स्थान हासिल किया. पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के आयोजन में प्रो इंदु
पुनिया का सहयोग रहा. स्वच्छता अभियान को सार्थक बनाते हुए युवा रेड क्रॉस के
कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रांगण की जमकर साफ़-सफाई की और सूखे पत्तों को दबाकर
इनसे खाद बनाने के लिए सभी को प्रेरित किया.
विदित रहे कि विश्व रेड क्रॉस दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है और
इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को याद करने
के लिए मनाया जाता है. वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का मुख्य उद्देश्य असहाय और घायल सैनिकों
और नागरिकों की रक्षा करना है. रेड क्रॉस केवल युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए ही नहीं
बल्कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों का पुनर्वास भी करती है. वर्तमान में विश्व के
कुल 210 देश रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए हैं और संस्था के सदस्य निस्वार्थ भाव से
मानव सेवा का काम करते हैं. ज़रूरत पड़ने पर रेड क्रॉस गॉंवों और शहरों में एंबुलेंस
सेवाएं और दवाईयाँ पहुंचाने का काम करती है. रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा समय-समय पर
रक्तदान शिविरों का आयोजन कर लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है.
यह संस्था लोगों को कैंसर, एनीमिया, थैलीसीमिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के
तरीकों के बारे में जागरूक करती है.
गौरव आर करण सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी पानीपत ने बताया की रेड क्रॉस एक
अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो युद्ध में घायल होने वाले सैनिकों की सहायता के लिए बनाई
गई थी. इसका उद्देश्य मानव जीवन की रक्षा करना और किसी भी युद्ध या कठिनाइयों
में लोगों की सहायता करना है. इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) की
स्थापना 1920 में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी एक्ट के तहत हुई जिसे 1992 में संशोधित
किया गया. मानव पीड़ा को कम करना ही रेडक्रास का उद्देश्य है. नशे के खिलाफ बोलते
हुए उन्होनें कहा कि नशे से होने वाले दुष्परिणाम बहुत ज्यादा हानिकारक होते हैं. नशा
हमारे हँसते-खेलते जीवन को तहस-नहस कर के रख देता है. आजकल नाबालिक बच्चे
भी अधिक मात्रा में नशे का सेवन करने लगे है जो बहुत ही चिंता का विषय है. भारत
सरकार की ओर से हर नशे से संबंधित सामग्री पर चेतावनी दी होती है फिर भी लोगों पर
इसका बिल्कुल भी प्रभाव नही पड़ता है और वह नशा करते जाते है. ऐसे में जिम्मेदारी
युवा एनएसएस कार्यकर्ताओं की है की वे दूसरे लोगों को नशे के दुष्परिणामों एवं इससे
होने वाले नुकसान के बारे में सचेत करे. नशे का सबसे बुरा प्रभाव हमारी युवा पीढ़ी पर
पड़ता है. ऐसे में युवा रेड क्रॉस कार्यकर्ताओं का दायित्व है की वे समाज में जाकर युवाओं
और बच्चों को नशे के खिलाफ समझाए और जागरूक करे.
डॉ पूजा सिंघल इंचार्ज रेड क्रॉस ब्लड बैंक पानीपत ने अपने वक्तव्य में रक्तदान
और रक्तदान शिविरों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होनें कहा कि विज्ञान में
इतनी प्रगति होने के बावजूद भी इंसान अभी तक खून का विकल्प नहीं बना पाया है
और इसीलिए रक्तदान शिविरों का महत्व ज्यूँ का त्यूं बरकरार है. कोई भी सेहतमंद
व्यक्ति तीन महीने में एक बार रक्त दान कर सकता है. कोरोना वायरस का जिक्र करते
हुए उन्होनें कहा कि साफ़-सफाई एवं पौष्टिक भोजन को अपनाकर हम कोरोना वायरस
के संक्रमण से खुद को बचा सकते है. उन्होनें रेड क्रॉस को हर बीमार और दिव्यांग का
सच्चा साथी बताया. रेड क्रॉस के माध्यम से ही सरकार आमजन तक मदद पहुंचाती है.
उन्होनें कहा कि कॉलेज में पढने वाले विद्यार्थियों में एनएसएस कार्यकर्ता सबसे
सौभाग्यशाली एवं श्रेष्ठ है और उन पर सबसे अधिक जिम्मेदारी होती है. उन्होनें कहा कि
रेडक्रॉस का जमा का निशान सकारात्मकता का सूचक होता है और ऐसी ही
सकारात्मकता हर कार्यकर्ता में होनी चाहिए. नर की सेवा ही नारायण सेवा है और
एनएसएस कार्यकर्ता को सैदव दूसरो की मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए.
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने रेड क्रॉस के बारे में बताते हुए कहा की मानवता को
बचाने वाली सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था का नाम ही रेड क्रॉस है. रेड क्रॉस एक
अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसे युद्ध में घायल होने वाले सैनिकों की सहायता के लिए
बनाया गया था परन्तु आज इसका कार्य क्षेत्र और भी व्यापक हो गया है. इसका उद्देश्य
मानव जीवन की रक्षा करना है चाहे वो युद्ध हो या अन्य आपदाएं. हेनरी ड्यूनेंट नामक
व्यक्ति ने 1867 में इस संगठन की शुरुआत की थी. मानवता की सेवा करने वाली सबसे
बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है रेड क्रॉस. उन्होनें सभी युवाओं से अपील की कि वे भी मानवता
की सेवा करने का भाव खुद में पैदा करेंगे. रेड क्रॉस से जुड़ा व्यक्ति सैदेव अच्छे कार्य
करता है जिससे उसे आत्मिक शान्ति प्राप्त होती है.
डॉ राकेश गर्ग नोडल अधिकारी यूथ रेड क्रॉस क्लब ने कहा की किसी भी देश में
कोई न कोई आपदा आती रहती है. जब भी किसी देश में कोई मुसीबत या परेशानी
आती है तो उस देश की सरकार के द्वारा बचाव कार्य करके लोगों की जान बचाई जाती
है. रेड क्रॉस अपनी संस्था के द्वारा ऐसे ही लोगों की सहायता करती है. रेड क्रॉस संस्था
लोगों के खाने-पीने, चिकित्सा और उनके रहने की व्यवस्था करती है. किसी भी देश में
किसी परेशानी के दौरान यह संस्था सामने आकर ज़्यादा से ज़्यादा मानव जीवन की रक्षा
करती है. भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के दौरान
की गई थी और आज भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की 700 से भी ज्यादा शाखाएं है. रेड
क्रॉस मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता
जैसे सिद्धांतो पर चलती है.