Main Story

आई. बी. एल. पब्लिक स्कूल के प्रांगण में ‘शिक्षक दिवस’ समारोह का हुआ आयोजन

गुरु बिना ज्ञान कहाँ

उसके ज्ञान का आदि न अंत यहाँ

गुरु ने दी शिक्षा जहाँ

उठी शिष्टाचार की मूरत वहाँ।

आज आई. बी. एल. पब्लिक स्कूल के प्रांगण में ‘शिक्षक दिवस’ समारोह के उपलक्ष्य में सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह प्रतियोगिता अन्तर्सदनीय थी। इस प्रतियोगिता के विषय शास्त्रीय संगीत तथा सामाजिक संदेश पर आधारित थे। इस कार्यक्रम का मंच संचालन  बारहवीं कक्षा के विद्यार्थ पूर्वातनु और  टिविंकल ने किया। निर्णायक मंडल की भूमिका श्रीमती मीना तनेजाश्रीमती रूबी शर्माश्रीमती  प्रियंका तथा श्रीमती सविता शर्मा ने निभाई। बारहवीं कक्षा के तुषार ने शिक्षक दिवस पर डॉक्टर सर्वपल्लली  राधा कृष्णन के जीवन पर अपने विचार व्यक्त किए।  कार्यक्रम का शुभारंभ शिष्य जो अध्यापक के भूमिका में थे अपना परिचय देते हुए यह बताया कि उन्होंने कौन से अध्यापक की भूमिका निभाई है। बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकल गीतकविताक्विज तथा मजाकिया नृत्य की प्रस्तुति देकर सभागार में बैठे सभी दर्शकों के मन को मोह लिया। पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।   विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती जय श्री गर्ग जी ने शिक्षक दिवस की महत्ता को बताते हुए कहा कि शिक्षक माता-पिता से भी महान होते हैं। माता-पिता हमें जन्म देकर हमारी परवरिश करते हैं लेकिन शिक्षक हमारा व्यक्तित्व विकसित करते हैं। वे हमें अच्छा इंसान बनाने के साथ-साथ पढ़ाई के लिए भी प्रेरित करते हैं। शिक्षक हर विद्यार्थी के प्रेरणा स्रोत होते हैं। उनके अनमोल विचार हमेशा हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

 

 

सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता में सुभाष सदन प्रथम तथा नेहरू और टैगोर सदन द्वितीय स्थान पर रहे।

प्रधानाचार्या श्रीमती जय श्री गर्ग जी ने विजेता बच्चों को बधाई दी तथा सर्टिफिकेट देकर उनका उत्साहवर्धन किया।  उन्होंने कहा कि ऐसे नृत्य शिक्षाप्रद होते हैं। बच्चों को इनसे सीख लेकर उन्हें अपने जीवन में ढालना चाहिए। आधुनिकीकरण अपनाते हुए संस्कारों को कम नहीं होने देना चाहिए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान से किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *