केवल दिखाने के लिए नहीं अपितु स्थाई रूप से स्वच्छता चाहिए : पांडुरंग निर्धारित 90 दिन की अवधि से पूर्व ही कार्य पूरा करने का लें
सोनीपत इंडिया की दहाड़ ब्यूरो ( आदेश त्यागी )
किसी भी कठिन कार्य को पूरा करने के लिए जुनून होना चाहिए। यह कहना है उपायुक्त के. मकरंद पांडुरंग का। उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने सोनीपत जिले को खुले में शौच मुक्त करने का स्वप्न संजोया है। उनके इस सपने को साकार रूप प्रदान करने के लिए जुनूनी युवाओं की एक टीम की आवश्यकता थी, जिसका गठन कर लिया गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि युवा टीम किसी भी कार्य को करने में सक्षम है। ऐसे में उनका सपना एवं संकल्प अति शीघ्र पूरा होगा।

उपायुक्त के. मकरंद पांडुरंग शनिवार को एथनिक इंडिया में आयोजित समुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता विधि पर प्रेरकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर उपस्थित प्रेरकों व अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 80 युवक-युवतियों को प्रेरकों का प्रशिक्षण दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि उन्हें केवल दिखाने मात्र के लिए जिले को खुले में शौचमुक्त नहीं बनाना, अपितु वे इस मामले में स्थायित्व चाहते हैं। एक बार पक्के शौचालयों के निर्माण से समस्या का हल होने वाला नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि मानसिकता को परिवर्तित किया जाए। खुले में शौच करने वालों को दिमागी तौर पर तैयार किया जाये कि वे न स्वयं ऐसा करें और न ही किसी को करने दें। उन्होंने कहा कि पुन: ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए कि खुले में शौचमुक्ति के लिए फिर से किसी टीम का गठन करना पड़े। जिले को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए 90 दिन का समय निर्धारित किया गया है, किंतु इस तय अवधि से पूर्व ही जिले को यह दर्जा दिलाना है। इसके लिए जुनून के साथ कार्य करना होगा। डीसी ने कहा कि उन्हें लगातार नये-नये आइडिया आते रहते हैं, जिनमें उन्हें जुनूनी युवाओं की जरूरत महसूस होती है। खुले में शौचमुक्ति के कार्य से वे ऐसे युवाओं का चयन करेंगे, जिन्हें आगे भी विभिन्न कार्यों में साथ रखा जा सके। एसडीएम ने कहा कि केवल लोगों की दिमागी सोच को बदलने के लिए प्रयास करने हैं, जिसमें सफल होने पर लोग स्वयं खुले में शौचमुक्ति को न कहने लगेंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 100 पंचायतों को खुले में शौचमुक्त बनाने की ओर कदम बढ़ाये जा रहे हैं। इस अवसर पर एसडीएम राजीव अहलावत, निर्मल नागर, सीटीएम सुरेंद्र दून, एसीयूटी राकेश सैनी, सुरेश कुमार, तहसीलदार हरिओम अत्री, स्वच्छता प्रशिक्षक डा. ज्योति प्रकाश, डीडीपीओ देवराज दांगी आदि मौजूद थे।