5 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया
यमुनानगर, इंडिया की दहाड़ ब्यूरो विज्ञान केन्द्र दामला के समाभागर में अनुसूचित जाति की महिलाओं एवं युवकों के लिए खुम्भ(मशरूम)उत्पादन पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया
गया। इस अवसर पर बोलते हुए केन्द्र के संयोजक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बीआर काम्बोज ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि खुम्भ उत्पादन को अपनाकर परिवार की आमदन को बढ़ाकर अपने जीवन स्तर को उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम की खेती भूमिहीन, सीमान्त किसानों एवं बेरोजगार युवक-युवतियों को लिए आमदनी का बहुत ही अच्छा व्यवसाय है। उन्होंने बताया कि मशरूम एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन व आवश्यक एमिनो एसिड प्रचूर मात्रा में पाये जाते हैं। मशरूम में उच्च कोटि का प्रोटीन होता है इसकी पोष्टिकता अधिक तथा वसा व कार्बोहाईट्रेट की मात्रा कम होने के कारण हृदय रोग व मधुमेह, खून की कमी,बच्चों के सूखा रोग व चर्मरोग जैसी बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के लिए आदर्श व सम्पूर्ण भोजन है।

केन्द्र के वरिष्ठ विस्तार विशेषज्ञ डॉ. रणबीर टाया ने प्रतिभागियों को खुम्भ उत्पादन की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बन्द कमरे व अस्थायी छप्पर के अन्दर खुम्ब की खेती आसानी से की जा सकती है। उन्होंने बताया कि खुम्ब उगाने के लिए कम्पोस्ट खाद में बीज मिलाकर पालीथीन बैग या रैक में फैलाया जाता है। उन्होंने खुम्ब में प्रयोग होने वाली कैसिंग मिटटी व इसके कीट व बीमारियों की भी विस्तृत जानकारी ।
कृषि विज्ञान केन्द्र कैथल के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसपी गोयल ने ढींगरी की उन्नत काश्त की जानकारी देते हुए बताया कि ढींगरी खुम्ब को मई- जून को छोड़कर पूरे वर्ष उगाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र पिंजौर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बलवान सिंह, डॉ. रविन्द्र चौहान, कृषि विज्ञान केन्द्र दामला के वरिष्ठ विस्तार विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र गोयल ने प्रतिभागियों को ख्ुाम्ब उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में यमुनानगर के सफल खुम्ब उत्पादकों ने प्रशिक्षणार्थियों को खुम्ब उत्पादन की व्यवहारिक बाते सांझा की। कार्यक्रम में केन्द्र के डॉ. आरएस टाया, गृह वैज्ञानिक प्रेमलता, जिला उद्यान विभाग अधिकारी, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजेश सैनी सहित कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में जिला के लगभग 60 अनुसूचित जाति के प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रतिभागियों को खुम्ब का कार्य शुरू करने के लिए कम्पोस्ट स्पान सहित 90 बैग व केसिंग मिटटी नि:शुल्क प्रदान की गई।