बुलंदशहर पुलिस ने दावा किया था कि फौजी जितेंद्र कुमार ने इंस्पेक्टर को गोली मारी थी
बुलंदशहर के हुए बवाल के जांच एसआईटी कर रही है। इसमें स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी। बुलंदशहर पुलिस ने दावा किया था कि फौजी जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू ने इंस्पेक्टर को गोली मारी थी। जीतू को जम्मू से गिरफ्तार कर मेरठ लाया गया और पूछताछ की गई।
पहले तो खुद को निर्दोष बताते हुए मौके पर मौजूदगी की बात से इंकार करता रहा। लेकिन, जब उसे वीडियो फुटेज व अन्य चीजें दिखाई गईं तो उसने हंगामे में शामिल होने की बात कबूल की। उसने बताया कि वह घर से श्रीनगर स्थित अपनी यूनिट जाने के लिए निकला था। लेकिन, हंगामा होता देख वह रुका और अपने दोस्तों के साथ शामिल होकर केवल नारेबाजी की थी।
बार बार खुद को निर्दोष बताता रहा, साथ ही फायरिंग के बाबत पूछने पर उसने उस वक्त मौके पर नहीं होने की बात कही।
जीतू ने बताया कि वह हंगामे के दौरान दोपहर करीब 12 बजकर 50 मिनट पर मौके से निकल गया था। उसका कहना था कि उसे गुलावठी से दिल्ली जाने के लिए बस पकड़नी थी। अधिकारियों ने जब इस बाबत उससे सुबूत मांगा तो 12.50 पर घटनास्थल पर मौजूदगी न हो पाने का कोई तथ्य वह नहीं दे सका।
जांच एजेंसियां घंटों पूछताछ के बाद भी जीतू से यह नहीं कबूलवा सकीं कि उसने गोली मारी है। एसटीएफ और एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान जीतू ने प्रदर्शन के दौरान घटना स्थल पर होने की बात को स्वीकार किया है और जांच में भी इस तथ्य की पुष्टि हुई है। वहीं इंस्पेक्टर को गोली मारने के मामले में जीतू वहां मौजूद न होने की बात कह रहा है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियां भी प्रारंभिक जांच में जीतू द्वारा इंस्पेक्टर को गोली मारे जाने की पुष्टि नहीं कर रही हैं। गोली किसने मारी है, अभी इसकी जांच की जा रही है।