आसाराम पर लिखी गई किताब का बाजार में आने का रास्ता साफ
नयी दिल्ली : जेल में बंद स्वयंभू बाबा आसाराम पर लिखी गई किताब पर चंडीगढ़ की एक अदालत के रोक लगाने के इंकार करने के बाद इसके बाजार में आने का रास्ता साफ हो गया है।
लेखक यूषीनोर मजूमदार की किताब, गॉड ऑफ सिन: द कल्ट, द क्लाउट एडं डाउनफाल ऑफ आसाराम बापू का विरोध हुआ और इसके प्रकाशन को अदालत में चुनौती दी गई. हालांकि, अदालत ने इसकी खुदरा और ऑनलाइन बिक्री की अनुमति दे दी है।
किताब के प्रकाशक पैंग्विन रैंडम हाउस इंडिया ने अदालत की आदेश की प्रशंसा करते हुये कहा है कि वह अब इसे पाठकों के हाथों में पहुंचाने को लेकर उत्सुक है। मजूमदार ने कहा, यह किताब अदालतों के फैसलों और कई जांच एजेंसियों की रिपोर्टों पर आधारित है. इसमें मैंने तथ्यों को जोड़ने की कोशिश की है।
आसाराम और उसके बेटा नारायण साई पर यौन हमलों, जमीन पर कब्जे, काले धन को सफेद बनाने, धमकाने, काला जादू जैसे अंधविश्वास फैलाने और उनके खिलाफ गवाह बने व्यक्ति की हत्या करवाने का आरोप है। पांच साल पहले एक नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी पाये जाने के बाद जोधपुर की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उसने राजस्थान के राज्यपाल से अपनी उम्रकैद की सजा में राहत देने की अपील की है।