राजधानी में रोज औसतन छह महिलाएं दुष्कर्म की शिकार होती हैं
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े कदम उठाने का वादा किया था, पर ये बेमानी ही रहे। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो अब भी राजधानी में रोज औसतन छह महिलाएं दुष्कर्म की शिकार होती हैं। 10 महिलाओं के साथ किसी न किसी तरह छेड़छाड़ होती है। ये आंकड़े दर्ज वारदात के हैं। हकीकत में तो कई मामलों में महिलाएं शिकायत करने के लिए थाने ही नहीं जातीं।
दिल्ली पुलिस के अधिकारी दुष्कर्म और छेड़छाड़ के बढ़ते आंकड़ों के पीछे कुछ और ही तर्क देते हैं। उनका कहना है कि निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून ने पीड़िताओं के विश्वास को बढ़ाया है। ऐसे में वह महिलाएं या पीड़िताएं भी अब थाने में शिकायत करने की हिम्मत करती हैं, जो पहले लोकलाज के डर से थाने तक नहीं पहुंच पाती थीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि 90 फीसदी से ज्यादा मामलों में जानकार ही महिलाओं की आबरू से खिलवाड़ करते हैं। चार फीसदी से भी कम मामलों में अनजान शख्स महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में लिप्त पाए गए हैं। अधिकारी का कहना था कि वारदात दर्ज होने के बाद पुलिस ने 80 फीसदी से ज्यादा मामलों को सुलझा लिया है।