नोटबंदी ने भारतीय इकोनॉमिक ग्रोथ घटा दी- रघुराम राजन
नई दिल्ली भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्रन रघुराम राजन ने सोमवार को एक न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार के तहत कहि फाइलों से की धूल हटाई, मौजूदा सरकार द्वारा जो कदम उठाए गए, उन पर एक समीक्षा संवाद भी किया और नफ़े-नुकसान पर खुलकर बोले, हालांकि आरबीआई आजकल विवादों को लेकर चर्चा में भी है, राजन ने कहा नोटबंदी से भारतीय इकोनॉमिक ग्रोथ घटा दी है, उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था ग्रोथ दर्ज कर रही है, भारत की जीडीपी की ग्रोथ रेट पर नोटबंदी की वजह से काफी बड़ा असर पड़ा है,
उन्होंने कहा, जिस वक्त ग्लोबल इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही थी, उस वक्त नोटबंदी के लागू होने से भारत की ग्रोथ कम हो गई, राजन ने सोमवार को एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था 2017 में अधिक तेज रफ्तार से बढ़ी, हमारी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी, उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटबंदी ही नहीं वस्तु एवं सेवा कर को लागू करने से भी हमारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा, वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही, राजन ने कहा,
नोटबंदी और जीएसटी के दोहरे प्रभाव से हमारी वृद्धि दर प्रभावित हुई, कोई मुझे जीएसटी विरोधी करार दे उससे पहले मैं कहना चाहूंगा कि दीर्घावधि में यह अच्छा विचार है, लघु अवधि में इसका असर पड़ा है, बता दें कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को कालाधन, जाली नोट और आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को सिस्टम से बाहर कर दिया था, उस समय सरकार ने दावा किया था, कि नोटबंदी से कालेधन, जाली मुद्रा और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम कसी जा सकेगी, राजन सितंबर, 2013 से सितंबर, 2016 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे , राजन ने कहा, मैंने इसपर काफी स्टडी की। इसमें पाया है कि 2016 के आखिर में बड़े नोटों को प्रतिबंधित करने का असर भारत की ग्रोथ पर पड़ा है,
यह पूछे जाने पर कि क्या उनसे रिजर्व बैंक गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनसे नोटबंदी को लागू करने को कहा गया था, पूर्व गवर्नर ने कहा कि उनसे ऊंचे मूल्य की करेंसी को प्रतिबंधित करने पर राय पूछी गई थी, उन्होंने कहा कि उनकी सोच में नोटबंदी ‘खराब विचार’ था, जीएसटी पर विस्तार से अपनी राय रखते हुए, राजन ने कहा कि इस सुधारात्मक कर प्रणाली को अधिक बेहतर तरीके से लागू किया जाना चाहिए था, यह पूछे जाने पर कि क्या जीएसटी में पांच अलग स्लैब के बजाय एक कर होनी चाहिए थी, राजन ने कहा कि यह बहस का विषय है,
मेरे विचार में जो एक वैकल्पिक विचार है, आप एक बार जो काम करते है, तो आप को समस्याओं का पता लगता है, राजन ने कहा कोई मुझे जीएसटी विरोधी करार दे, उससे पहले मैं कहना चाहूंगा कि दीर्घावधि में यह अच्छा विचार है, लघु अवधि में इसका असर पड़ा है, बैंकों के साथ घपलेबाजी करने वालों की सूची के बारे में राजन ने कहा कि एक सूची थी, जिसमें बड़े-बड़े घोटालेबाजों के नाम थे, पीएमओ को सौंपी गई, बड़े कर्जदारों और धोखेबाजों की सूची के बारे में राजन ने कहा, मुझे नहीं पता कि ये मामले अब कहां है, एक बात को लेकर मैं चिंतित हूं कि यदि एक को छूट मिलती है, तो और दूसरे भी उसी राह पर चल सकते है, उन्होंने कहा कि डिफॉल्टर और धोखेबाजों में अंतर है,
यदि आप डिफॉल्टरों को जेल भेजना शुरू कर देते है, तो कोई भी जोखिम नहीं उठाएगा, इस साल सितंबर में राजन ने संसदीय समिति को नोट में कहा था, कि बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित चर्चित मामलों की सूची पीएमओ को समन्वित कार्रवाई के लिए सौंपी गई थी, प्राक्कलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को सौंपी गई, सूची में राजन ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी बढ़ रही है, हालांकि यह कुल एनपीए के मुकाबले अभी काफी कम है।