34 साल बहुत लंबा समय होता है। मेरी आंखों से अब आंसू भी सूख चुके हैं। वो दिन मुझे आज भी याद है जब मुझे अपने पति और बेटे के दाह संस्कार की व्यवस्था भी नहीं की। उन्होंने अपने पति और बेटे का दाह संस्कार घर के फर्नीचर के जरिए किया था।
गांधी परिवार की वजह से मेरा परिवार खत्म हो गया। मुझे मारने की धमकी दी गई। मैंने खुद सज्जन कुमार को दिल्ली पुलिस की जीप पर खड़ा होकर लोगों को मारने के बारे में बोलता देखा था। मुझसे कहते थे तुम्हें न्याय नहीं मिलेगा। तुम मर जाओगी, फिर भी कुछ नहीं होगा।
मेरे परिवार के पांच लोग पति, बेटा और तीन देवर की हत्याएं कर दी गईं। मैंने कोर्ट में कहा था कि अगर इनको नहीं तो मुझे ही फांसी दे दो। ये कहना है 1984 दंगा पीड़ित बीबी जगदीश कौर का। जगदीश कौर की ही तरह जगशेर और नीरप्रीत कौर ने भी अपने परिवार के सदस्यों की हत्याओं के बारे में बताते हुए सज्जन कुमार को फांसी देने की मांग की।
84 दंगों की पीड़िता ने रकाबगंज गुरुद्वारे में सुनाई पीड़ा
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद नई दिल्ली स्थित रकाबगंज गुरुद्वारे में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कहा कि कोर्ट ने 34 साल बाद सिखों को इंसाफ दिया है। आज देश के करोड़ों सिखों में खुशी है। इस निर्णय के बाद न्यायपालिका पर भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे सिर्फ सज्जन कुमार ही नहीं, बल्कि और भीलोग शामिल थे।
पुलिस, सीबीआई और नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है। गवाहों को खरीदने तक की नौबत आई। आठ करोड़ रुपये गवाहों को ऑफर किए गए। जब लालच में नहीं आए तो जान से मारने की धमकी तक दी गईं। उन्होंने कहा कि आज भी कई पीड़ित घरों में डर से बैठे हैं। वे लोग बाहर आएं और इस लड़ाई में शामिल होकर दोषियों के खिलाफ आवाज बुलंद करें।
उन्होंने मांग की है कि सज्जन कुमार के बाद अब टाइटलर और कमलनाथ के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। कमेटी के सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी को तत्काल अपनी पार्टी से उन तमाम लोगों को निकाल देना चाहिए, जो दंगा कांड में दोषी हैं।
कांग्रेस से अपील, दोषियों को पार्टी से बाहर निकाला जाए
फिर चाहे वह कमलनाथ हो या फिर टाइटलर। देश को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार सिखों के हत्यारे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को कुर्सी से उतार जेल तक पहुंचाने के बाद ही सिख दम लेंगे।
उन्होंने हाईकोर्ट के न्याय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि फैसला सुनाते वक्त न्याय पीठ ने इस घटना पर सख्त टिप्पणियां भी की हैं। इनके आधार पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का सच देश के सामने बाहर आया है।
तत्कालीन सरकार ने दोषियों को सरंक्षण दिया। पुलिस सिखों को मारने के लिए साथ में चल रही थी। सज्जन कुमार पुलिस की जीप पर खड़ा होकर भीड़ को हत्याएं करने का आदेश दे रहा था। उन्होंने हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने इस घटना को मानवता के साथ अन्याय होना बताया है। दिल्ली पुलिस इस कांड में साथ दे रही थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही सिखों की कातिल है। सज्जन कुमार के लिए कोर्ट में कपिल सिब्बल का बेटा अमित सिब्बल पेश हो रहा है। जाहिर है कांग्रेस अभी भी अपने नेताओं को सरंक्षण देने में जुटी है।