स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर व निर्भिक संन्यासी श्रद्धानंद विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन
मी श्रद्धानंद निर्भिक संन्यासी, गुरूकुलीय शिक्षा प्रणाली के पुनस्थपिक वेदों के प्रकाण्ड विद्वान थे। उनका सम्पूर्ण जीवन आर्य विचारधारा महर्षि दयानंद के वैदिक मिशन को जन-जन प्रचार-प्रसार करने के लिए समर्पित था। उक्त विचार झोझू कलां के सेठ किशन लाल मंदिर में आयोजित रक्तदान शिविर के उद्घाटन अवसर पर जन सेवा महासंग के महासचिव सत्यवान शास्त्री ने व्यक्त किए।
आज हिन्दुस्तान स्काउट्स एवं गाइड्स जिला चरखी दादरी, जयहिंद मंच एवं प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्था के संयुक्त तत्वाधान में कस्बा झोझू कलां के सेठकिशन वाला मंदिर में स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर व निर्भिक संन्यासी श्रद्धानंद विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। बतौर मुख्यातिथि पूर्व नेवी कमाण्डर सुनील शर्मा, अति विशिष्ट अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी दयानंद झोझू, मुख्य वक्ता सत्यवान शास्त्री बलाली उपस्थित रहे।
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, झोझू कलां की संचालिका बहन वसुधा, अध्यापक सुनील तिवाला, सुधीर जांगड़ा की पावन उपस्थिति में सभी अतिथियों ने रिबन काटकर शिविर का उदघाटन किया।
शिविर संयोजक स्काउट्स में जिला मीडिया प्रभारी बिशन सिंह आर्य, जिला सचिव अमित जाखड़, मॉस्टर संजू ने बताया कि 56 रक्तदाताओं ने रक्तदान करके स्वामी श्रद्धानंद को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने गोष्ठी में विचार रखते हुए कहा कि श्रद्धानंद का सम्पूर्ण जीवन भारत, भारतीयता व वैदिक परम्पराओं के लिए समर्पित था। अंत में बहन वसुधा, नरेश ठेकेदार, मिस्त्री अंतराम ने सभी को स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। रक्तसंग्रह सामान्य अस्पताल की टीम ने डॉ. संदीप साहू की देख-रेख में किया गया।
शिविर को सफल बनाने में मॉ. संजू सांगवान, सतेन्द्र जेवली, आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की स्काउट्स इकाई, नरेश ठेकेदार, सतेन्द्र प्रजापत, राज्य शिक्षक अवार्ड से सम्मानित अध्यापक रवीन्द्र, बृजलाल जांगड़ा, सतप्रकाश, सुरेश पहलवान, दिनेश शास्त्री, अनिल रोहिला, संजय जांगड़ा, विवेक, धीरज, रामलवास का विशेष सहयोग रहा।