चालीस वर्ष पूर्व मैंने यहीं संगम में स्नान कर समाजसेवा का संकल्प लिया था : खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को यहां कहा कि दिव्य कुम्भ मेले में पहुंचकर उन्हें आत्मसंतुष्टि की अनुभूति हो रही है और 40 वर्ष पूर्व 25 जनवरी, 1979 को उन्होंने यहीं संगम में स्नान कर समाजसेवा का संकल्प लिया था। सूचना विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुम्भ मेला भ्रमण के दौरान खट्टर सबसे पहले मोरारी बापू के शिविर पहुंचे। वहां कथा के उपरांत उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा आयोजन है और चालीस वर्ष पहले उन्होंने यहीं पर संगम में स्नान कर समाज सेवा का संकल्प लिया था जिसका वह निर्वहन कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद मुख्यमंत्री रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य जी महाराज के शिविर गए जहां उन्होंने कहा, ‘मैं यहां उस धरती से आया हूं जहां कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने मानव जाति के कल्याण के लिए गीता का संदेश दिया था।’ इसके बाद खट्टर ने स्वामी अवधेशानंद जी महाराज के पंडाल में जाकर उनका आशीर्वाद लिया। खट्टर ने पंचायती अखाड़ा निर्मल में पहुंचकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब के आगे शीश नवाया। इसके बाद वह विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के शिविर पहुंचे जहां उन्होंने विहिप के पदाधिकारियों से मुलाकात की। खट्टर ने भ्रमण के दौरान विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हुये संगम में स्नान भी किया।