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जब चार्ली चैपलिन के पार्थिव शरीर को उठा ले गये थे स्विटज़रलैंड के दो चोर…

चार्ली चैपलिन शायद ही कोई ऐसा हो जिसने ये नाम न सुना हो। चार्ली चैपलिन कौन थे, कहा से आये थे, आज हम आपको उनसे जुड़ी कुछ ऐसी चीजों के बारें में बताएंगे जो आपने शायद ही सुनी हो। महान एक्टर डायरेक्टर चार्ली चैपलिन ने अपनी मूक फिल्मों से अमेरिका में पूंजीवाद, फासिज्म और युद्ध के खिलाफ मजबूत संदेश देते थे।


चार्ली चैपलिन वो हस्ती थे जिसको अमेरिका की टाइम पत्रिका  ने अपने कवर पेज पर जगह दी थी। आज भी जब कभी चार्ली चैपलिन का जिक्र करते हैं तो ऐसे शख्‍स की याद आती है, जिसने पूरी जिंदगी हमें हंसाने में गुजार दी। मगर चार्ली की अहमियत यहीं तक सीमित नहीं। उनकी बातें और जीवन को समझने का नजरिया हमें जिंदगी को आसान बनाने का तरीका सिखा देता है।

चार्ली चैपलिन का पूरा नाम सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन था। चार्ली चैपलिन का जीवन 16 अप्रैल 1889 – 25 दिसम्बर 1977 तक था। चार्ली चैपलिन एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक थे। चार्ली चैपलिन के पिता एक एक्टर थे और उन्हें शराब की लत थी। उनका बचपन काफी संघर्षों में बीता। उनकी मां को मेंटल अस्पताल में भर्ती कराने के बाद चार्ली और उनके भाई को अपने पिता के साथ रहना पड़ता था। कुछ सालों में चार्ली के पिता की मौत हो गई थी लेकिन उनके व्यवहार के चलते एक संस्था ने चार्ली और उनके भाई को पिता से अलग कराना पड़ा था। परेशानी भरे बचपन के बावजूद वे अमेरिकी सिनेमा में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हालांकि अमेरिका ने 1952 में उन्हें बैन कर दिया था।

चार्ली चैपलिन सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक होने के अलावा अमेरिकी सिनेमा के क्लासिकल हॉलीवुड युग के प्रारंभिक से मध्य तक एक महत्वपूर्ण फिल्म निर्माता, संगीतकार और संगीतज्ञ थे। मनोरंजन के कार्य में उनके जीवन के 75 वर्ष बीते, विक्टोरियन मंच और यूनाइटेड किंगडम के संगीत कक्ष में एक शिशु कलाकार से लेकर 88 वर्ष की आयु में लगभग उनकी मृत्यु तक। उनकी उच्च-स्तरीय सार्वजनिक और निजी जिंदगी में अतिप्रशंसा और विवाद दोनों सम्मिलित हैं।
चार्ली चैपलिन के जीवन को शब्दों में बताना थोड़ा मुश्किल हैं लेकिन आज हम आपको चार्ली चैपलिन से जुड़ी एक ऐसी बात बताएंगे जिससे उनकी लोकप्रियता को समझ पाएंगे। चार्ली की फिल्मों के कम्युनिस्ट विचारों के चलते अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्हें 20 साल बाद 1972 में ऑस्कर अवॉर्ड मिला था। चार्ली के सिनेमा को योगदान के चलते वहां मौजूद जनता ने उन्हें 12 मिनटों तक खडे़ होकर तालियां बजाई थी. ये ऑस्कर के इतिहास में सबसे बड़ा स्टैडिंग ओवेशन माना जाता है।

अपनी फिल्मों में ज़िंदगी की  कॉमेडी और त्रासदी दिखाते चार्ली की मौत के बाद भी ट्रैजेडी खत्म नहीं हुई।  1977 में उनकी मौत हो गई थी लेकिन उनकी मौत के एक साल बाद उनके पार्थिव शरीर को स्विटज़रलैंड के एक गांव से दो चोरों ने चुरा लिया था।






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