भारतीय मुक्केबाजों को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म दिलवाना है PBC का लक्ष्य- कैप्टन पार्थो दास
नवी मुम्बई (जतिन)
प्रोफेशनल बॉक्सिंग कमीशन (PBC)के अध्यक्ष कैप्टन पार्थो दास का कहना है कि भारत में अभी बहुत कम ऐसे बॉक्सर हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्लेटफार्म हासिल कर सकें।इसलिए प्रोफेशनल बॉक्सिंग कमीशन ने भारतीय मुक्केबाज़ों के लिए एक अपग्रेडेशन कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसमें PBC ने फिलहाल पहले चरण में 600 एमेच्योर मुक्केबाज़ों को प्रोफेशनल मुक्केबाज बनाने का लक्ष्य रखा है।गौरतलब है कि मुक्केबाज़ों के इस अपग्रेडेशन में उनके मैच का रिकॉर्ड अंतराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज करवाया जाता है जिससे उनकी विश्व स्तर की रैंकिंग में गिनती हो सके और पीबीसी कि तरफ से इन मुक्केबाज़ों को एक ऑफिशियल आई कार्ड व लाइसेंस जारी किया जाता है जो कि पूरे वर्ल्ड बॉक्सिंग में मान्य होता है।
कैप्टन पार्थोदास ने बताया कि PBC अपने मुक्केबाज़ों को अच्छे प्रशिक्षण के साथ-साथ एक सही व साफ सुथरी जजमेंट मुहैया कराएगा उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है भारत में प्रोफेशनल बॉक्सिंग को लेकर मुक्केबाज़ों का रेफरी के निर्णय पर सवाल उठाया जाता है लेकिन PBC मुक्केबाज़ों के साथ किसी तरह का पक्षपात नहीँ होने देगी।मैच के फैसलों के लिए प्रशिक्षित रेफरी ही मान्य किये जाएंगे व मुक्केबाज़ों के लिए पूरे मैच की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाकर यूट्यूब पर भी शेयर की जाएगी ताकि किसी भी बॉक्सर के साथ किसी प्रकार का अन्याय ना हो सके।
नवी मुंबई में स्थित अपने मरीन सेंटर बॉक्सिंग अकादमी के बारे में कैप्टन पार्थो दास ने बताते हुए कहा कि हमारे यँहा मुक्केबाज़ों को आधुनिक स्तर की ट्रेनिंग दी जा रही है जिसका नतीजा यह कि पिछले काफी मुकाबलों में मरीन सेंटर के मुक्केबाज जिन्होंने सिर्फ 6 महीने यँहा से प्रशिक्षण लिया है वो 7 साल पुराने अनुभवी मुक्केबाज पर भारी पड़े हैं और उनपर शानदार नॉकआउट जीत हासिल की है।उन्होंने बताया कि मरीन सेंटर में सिर्फ मुक्केबाजी ही नहीँ सिखाई जाती बल्कि मुक्केबाज़ों को योगा,प्रणायाम, स्विमिंग आदि करवाकर उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत किया जाता है।कैप्टन पार्थो दास ने कहा कि बॉक्सिंग को लेकर
हमारे देश में टैलेंट तो बहुत है लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्लेटफार्म दिलवाने वाले नहीँ हैं उन्होंने कहा कि मैं “प्रोफेशनल बॉक्सिंग कमीशन” का अध्यक्ष होने के नाते यह वायदा करता हूँ कि अब वह दिन दूर नहीँ जब भारतीय प्रोफेशनल मुक्केबाज़ों का अंतराष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाज़ी में राज होगा।