मोदी ने कहा, दो महीने नहीं होगी ‘मन की बात’, मई में वापसी का किया वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 53वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए कहा कि आज मन भरा हुआ है। उन्होंने कहा, भारत माता को अपने कई वीर सपूतों का नुकसान उठाना पड़ा। पूरे देश में लोग तड़प रहे हैं और गुस्से में हैं।
शहीदों और उनके परिवारों के प्रति समर्थन और संवेदना की लहर है। हमारे सशस्त्र बलों ने हमेशा अद्वितीय साहस और साहस दिखाया है। एक तरफ, उन्होंने शांति बहाल करने में त्रुटिहीन क्षमता प्रदर्शित की है, दूसरी ओर उन्होंने आतंकवादियों को समझा जाने वाली भाषा में जवाबी कार्रवाई की है। मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, एक वॉर मेमोरियल के लिए देश की आजादी के बाद कभी खत्म न होने वाला इंतजार खत्म होने वाला है।
भारत में नेशनल वॉर मेमोरियल का कोई अता-पता नहीं है जो मुझे चौंका देता है और मुझे बहुत पीड़ा होती है। यह नया स्मारक इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति के पास बनाया गया है। पीएम मोदी ने कहा, शहीदों और उनके परिवारों के प्रति चारों तरफ संवेदनाएं उमड़ पड़ी हैं। जो आवेग आपके मन में है, वही भाव हर देशवासी के अंतर्मन में है। विश्व के लोगों के भी मन में है। भारत माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले देश के सभी वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं।”
वहीं पीएम मोदी ने कहा कि मार्च और अप्रैल के महीनों में आम चुनावों के मद्देनजर ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण नहीं होगा। हालांकि उन्होंने मई, 2019 के अंतिम रविवार से वापसी की घोषणा भी की। यदि आम चुनाव मार्च और अप्रैल में होते हैं तो मई के अंतिम रविवार से पहले यह स्पष्ट हो जाएगा कि अगली सरकार किसकी बनेगी। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है। अगले दो महीनों में, हम आम चुनावों में व्यस्त रहेंगे। मैं भी उम्मीदवार होऊंगा। स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करते हुए, मन की बात का अगला संस्करण मई के अंतिम रविवार (26 मई) को प्रसारित होगा।’’ विपक्षी दल चुनाव के दौरान ‘मन की बात’ के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग करते रहे हैं।
उनका कहना है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि इस संवाद से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरूपयोग होता है। सत्ता में वापसी का विश्वास जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आपके आशीर्वाद की ताकत’ से वह मई से कार्यक्रम के तहत संवाद की श्रृंखला शुरू करेंगे और ‘मन की बात’ के माध्यम से लोगों के साथ आने वाले वर्षों में बातचीत करेंगे।