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कैंट अस्पताल को 95, सिटी को 90% मिले अंक

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानदंड कार्यक्रम के तहत नागरिक अस्पताल अम्बाला छावनी और नागरिक अस्पताल अम्बाला शहर ने क्रमश: 95 प्रतिशत और 90 प्रतिशत अंक हासिल करके राष्ट्रीय स्तरीय प्रमाण पत्र प्राप्त किया। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि एक ही समय में जिला के दोनों बड़े अस्पतालों को राष्ट्रीय स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त होना जिला के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। अस्पतालों में जो बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, उनको आधार बनाकर ही मूल्यांकन किया गया था।

इस संदर्भ में उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानदंड के तहत अस्पतालों का मूल्यांकन किया गया। अस्पताल की आधारित रचना, मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं, दवाईयों व अन्य साधनो की उपलब्धता, स्टाफ का व्यवहार, क्षमता व दक्षता, इंफैक्सन से बचाव के उपाय व बंदोबस्त, अस्पताल में बिजली, पानी, सुरक्षा, पार्किंग इत्यादि सुविधाओं की व्यवस्था, अस्पताल की सफाई, अस्पताल में मरीजों का रिकॉर्ड व रख-रखाव के साथ-साथ अस्पताल की ओ.टी., एमरजेंसी और रैफरल सुविधाओं को आधार मानकर गुणवत्ता निर्धारित हुई और जिसमें जिला के दोनो अस्पताल बेहतरीन ग्रेड के चलते राष्ट्रीय स्तरीय प्रमाण पत्र पाने में सफल हुए।

बुनियादी विषय को लेकर जब सिविल सर्जन डा. संत लाल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 21 से 23 जनवरी तक नागरिक अस्पताल अम्बाला छावनी में दो सदस्यीय टीम जिसमें राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ डा. पूनम नारंग और डा. आलोक रंजन शामिल थे। इसी प्रकार 23 से 25 जनवरी तक नागरिक अस्पताल अम्बाला शहर में तीन सदस्यीय टीम जिसमें डा. रीतू, डा. सुनीता पालीवाल और डा. एस. सिल्वा कुमार शामिल थे।

इन टीमों ने निर्धारित मापदंडो के तहत मूल्यांकन करके भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी थी, जिसके तहत नागरिक अस्पताल अम्बाला छावनी को 95 प्रतिशत और नागरिक अस्पताल अम्बाला शहर को 90 प्रतिशत अंकों के साथ राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानदंड कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्तरीय प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त टीमों ने पैमाने के निर्धारण के दृष्टिगत इलाज के लिए आए मरीजों और स्टाफ के सदस्यों का भी साक्षात्कार लिया था।

संदर्भित विषय को लेकर जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एनक्यूएएस यानि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानदंड प्रमाण पत्र पाने वाली इन संस्थाओं को 50-50 लाख रुपए का ईनाम भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा, जिसे चिकित्सा संस्थाएं मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं पर खर्च करेंगी। प्रमाण पत्र पाने वाली संस्थाओं को हर साल विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा ताकि तयशुदा पैमाने में कोई कमी न आए और मरीजों के इलाज के दौरान उन्हें सुरक्षित सुविधाएं मिल सकें।

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