करतारपुर बातचीत नागरिकों की भावना से संबंधित, वार्ता की बहाली नहीं : विदेश मंत्रालय
भारत ने शनिवार को कहा कि करतारपुर गलियारे की बातचीत सिख धर्म से जुड़े भारतीय नागरिकों की भावनाओं से संबंधित मुद्दा है और यह किसी भी रूप में द्विपक्षीय बातचीत की बहाली नहीं है।
भारत ने इस हफ्ते के शुरू में कहा था कि करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर चर्चा के लिये पाकिस्तान के साथ पहली बैठक 14 मार्च को भारत की तरफ अटारी-वाघा सीमा पर होगी।
यह पूछे जाने पर कि द्विपक्षीय रिश्तों में जारी तनाव के बीच क्या यह बातचीत शुरू करने के लिये सही समय है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि आपको करतारपुर बातचीत के उद्देश्य और लक्ष्य को समझना चाहिए और यह किसी भी तरह से द्विपक्षीय बातचीत की बहाली नहीं है।
कुमार ने कहा, “यह सिख धर्म से जुड़े भारतीय नागरिकों की भावनाओं से संबंधित है। मुलाकात का हमारा फैसला गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती पर करतारपुर साहिब गलियारे को संचालन में लाने की हमारी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करता है।”
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हम पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब तक सरल और सुगम पहुंच की लंबित मांग को भी पूरा करना चाहते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने बैठक को लेकर कुछ संशय जाहिर किया था लेकिन भारत ने कभी नहीं कहा कि यह बैठक नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि इस बैठक के लिये 14 मार्च को पाकिस्तानी आ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इसलिए आपको इस बैठक के उद्देश्य समझने होंगे। इसका किसी भी तरह की द्विपक्षीय वार्ता बहाली से कोई लेना देना नहीं है।”