Tuesday, October 8, 2024
Latest:
धर्म-अध्यात्मपानीपत

त्याग और समर्पण ही राष्ट्रभक्ति का प्रतीक :-राधे राधे महाराज

अमित जैन – पानीपत
श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं भगवान परशुराम जन्मोत्सव परशुराम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन पंडित राधे राधे महाराज ने भगवान श्री कृष्ण एवं राम जन्म की कथा का प्रसंग सुनाया जब जब इस धरा पर अत्याचार अनाचार एवं दुराचार होते हैं तब तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं कृष्ण और रावण दोनों ही अत्याचार का रूप है और भगवान राम एवं कृष्ण सदाचार एवं भक्तवत्सल का रूप है भगवान ने रावण का जब अत्याचार बढ़ा तो राम रूप में इस धरा पर आकर मर्यादा की स्थापना करके अपने भक्तों की रक्षा की कंस ने जब सरल सहज सादगी के प्रतीक ग्वाल वालों पर अत्याचार किया जो भगवान युगपुरुष बनकर बाल कृष्ण रूप में ब्रिज के अंदर जन्म भगवान का जन्म नीति और नियमों को लागू करने के लिए होता है जब भी यह संसार अत्याचारों के गिरफ्त में आ जाता है तभी भगवान किसी न किसी रूप में किसी भी महात्मा के रूप में किसी भी सब रूप में किसी के यहां भी जन्म लेकर इस धरती पर हो रहे अत्याचारों और अनाचार ओं अपने अपने भक्तों को बचाते हैं यदि हमें सेवा करनी है तो उसके लिए त्याग एवं समर्पण की भावना होनी चाहिए तो अपने आप उस सेवा के प्रति आप का समर्पण भाव पैदा हो जाता है वह सेवा ही सिद्धि देती है इस अवसर पर पंडित अरुण पांडे पुजारी ने वेद मंत्रोच्चारण के साथ आए हुए सभी अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया एवं पूजन करवाया व प्रधान जेपी शर्मा, महासचिव निष्ठा शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान हरीश शर्मा, परशुराम धर्मशाला के प्रधान सुशील शर्मा, आदि ने शोभायात्रा का विशेष स्वागत किया साथ ही व्यास मंच में विराजमान राधे राधे महाराज का तिलक लगाकर अभिनंदन किया और आए हुए मुख्य अतिथि का समृति चिन्ह मोमेंटो देकर स्वागत किया ही साथ सनातन धर्म संगठन के सभी पदाधिकारियों ने व्यास मंच पर विराजमान पंडित राधे राधे महाराज को सम्मानित कर साला एवं पटका पहनाकर आशीर्वाद लिया इस अवसर में मदन डुडेजा, कैलाश लूथरा, पंडित पुष्करणा,चंद्रभान वर्मा,पंडित निरंजन पाराशर, जेपी शर्मा, सुशील शर्मा, पंडित महेंद्र शर्मा ,पंडित वेद शर्मा आदि उपस्थित रहे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *