कला-संस्कृतिअंबालाकरनालकुरुक्षेत्रकृषिकैथलगुरुग्राम (गुड़गांव)चंडीगढ़जींदझज्जरदिल्लीनूह मेवातपंचकूलापंजाबपलवलपानीपतफतेहाबादफरीदाबादभिवानीमहेंद्रगढ़यमुनानगरराजनीतिराज्यरेवाड़ीरोहतकसिरसासोनीपतहरियाणाहिसार

भारत सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर : कृषि मंत्री जेपी दलाल

29 नवंबर,2020(इंडिया की दहाड़ ब्यूरो) हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसानों से अपील की है कि वे लोकतांत्रित तरीके से अपनी मांगों को रखते हुए उन्हे आबंटित किए गए स्थान मुराडी में शांतिपूर्वक तरीके से धरना दे। भारत सरकार किसानो के मुद्दों को लेकर गंभीर है तथा इस मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए किसान अपना प्रतिनिधिमंडल चुनकर केंद्रीय नेताओं से बातचीत करे। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसानों से बात करने के लिए किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के लिए तैयार है। यह बात उन्होंने आज भिवानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। हरियाणा प्रदेश में पंजाब के किसानों द्वारा दिल्ली पहुंचने के दौरान हो रहे किसान आंदोलन की गतिविधियों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने यह बात कही।

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि कोई भी विषय बातचीत से हल हो सकता हैं। इसीलिए किसानों को इस बात को समझते हुए अपने आंदोलन को शांतिपूर्वक ढ़ंग से करना चाहिए तथा सरकार से सकारात्मक बातचीत व हल की दिशा में आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर न केवल हरियाणा, बल्कि देश के किसान संतुष्ट हैं। इसी के चलते हालही में हुए बिहार व अन्य राज्यों के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है। जो यह दर्शाता है कि किसान कानूनों को लेकर जनता में कोई विरोध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुछ संगठन लाठी के दम पर आंदोलन करने की परंपरा डालना चाहते है, जो लोकतांत्रिक प्रणाली में सही नहीं हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों में बदलाव को लेकर पंजाब के किसानों की 90 प्रतिशत से अधिक जत्थेबंदिया हरियाणा से होकर गुट है। ऐसे में हरियाणा प्रदेश की सरकार का कानून व्यवस्था को बनाए रखने को लेकर दायित् व बनता था। इसी के चलते किसानों को बेरिकेट के माध्यम से रोका गया। जो कानून व्यवस्था बनाए रखने का कदम था। इसको किसान अन्यथा न लें। उन्होंने यह भी कहा कि जब पंजाब सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर राज्य का कानून अलग से बना दिया है। फिर पंजाब के किसानों का विरोध करना समझ से परे की बात हैं। हालाकि उन्होंने किसानों से अपनी मांगों को शांतिपूर्ण ढ़ंग से सरकार के सामने रखने की बात कही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *