एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में विश्व कैंसर दिवस पर वेबिनार का आयोजन
एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया
जिसमे बतौर मुख्य वक्ता डॉ श्वेता यादव विभागाध्यक्षा प्राणीशास्त्र विभाग दयाल सिंह कॉलेज
करनाल ने शिरकत की और कैन्सर से जुड़े मिथकों और इससे बचने के उपायों पर विस्तृत चर्चा
की और अपने अनुभव साझा किये. इस अवसर पर विज्ञान संकाय से डॉ प्रियंका चांदना,
डॉ रवि कुमार, डॉ राहुल जैन, प्रो प्रवीण कुमारी, प्रो काजल, प्रो अभिषेक और प्रो साहिल विद्यार्थियों
के मन में व्याप्त कैंसर के भय को दूरकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया.
विदित रहे की अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने जिनेवा स्विट्जरलैंड में 1933 में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया था.
आज का दिन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने और इस रोग के खिलाफ कार्रवाई
करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा लोगों की जान बचाने के लिए मनाया जाता है.
आज के वेबिनार में भी कैंसर के भय को कम करने और इससे जुड़े मिथकों को दूर करने का प्रयास किया गया.
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष के विश्व कैंसर दिवस का थीम है “आई एम एंड आई विल” अर्थात मैं कैंसर से ग्रसित हूं
और मैं इसे अवश्य हराऊंगा. वेबिनार में कॉलेज के बीएससी प्रथम, द्वितीय और तृतीय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.
डॉ श्वेता यादव विभागाध्यक्षा प्राणीशास्त्र विभाग दयाल सिंह कॉलेज करनाल ने अपने वक्तव्य में कहा
की उनका अधिकतर शोध कैन्सर और कैन्सर के मरीजों से जुदा रहा है.
उन्होनें कितने ही कैन्सर के मरीजों के जीवन को नजदीक से देखा है.
उन्होनें अपने शोध में पाया की जो व्यक्ति सदा खुश रहता है उसे न सिर्फ कैन्सर होने
की सम्भावना कम रहती है बल्कि अगर हो भी जाए तो खुशदिल व्यक्ति बेहतर तरीके से कैन्सर से लड़कर इस जंग को जीतता है.
हमेशा खुश रहना कैन्सर से खिलाफ सबसे सर्वोत्तम दवाई और इलाज है.
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने अपने सन्देश में कहा की धूम्रपान, तम्बाकु, सुपारी, पान-मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन कैंसर को बढ़ावा देता है.
विटामिन युक्त और रेशे वाला पौष्टिक भोजन कैंसर की रोकथाम में बहुत सहायक है बशर्ते
इनमे कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायणों का प्रयोग न किया गया हो. अधिक तलें, भुने, बार-बार गर्म किये तेल में बने भोजन से भी कैंसर हो सकता है.
वजन का बढ़ना, नियमित व्यायाम न करना, साफ-सुथरे और प्रदूषण रहित वातावरण में न रह पाना
भी कैंसर को दावत देता है. प्रारम्भिक अवस्था में पता चलने पर कैंसर का निदान काफी
हद तक कामयाब रहता है. मुंह में सफेद दाग, बार-बार होने वाले घाव और शरीर में किसी भी अंग या
हिस्से में गांठ होने पर तुरन्त जांच करवायें क्यूंकि ये कैंसर होने के लक्षण हो सकते है.