एनएसएस कार्यकर्ताओं ने चलाया कोरोना मुक्त समाज और व्यापक सफाई अभियान
एसडी पीजी कॉलेज के एनएसएस कार्यकर्ताओं ने सफाई अभियान चलाते हुए कॉलेज और इसके आस-पास के इलाके की साफ़-सफाई की तथा लोगो को स्वछ्त्ता के प्रति जागरूक किया.तत्पश्चात कार्यकर्ताओं ने कोरोना मुक्त समाज के लिए 200 मास्क और सेनीटाईजर मुफ्त बांटे और बिना मास्क पहने घूम रहे लोगो को उनकी जिम्मेदारी से अवगत किया.
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, एनएसएस अधिकारी डॉ राकेश गर्ग एवं डॉ संतोष कुमारी इस अभियान का हिस्सा बने और उनकी मौजूदगी ने एनएसएस कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाया और उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित किया.
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा की शहर और गांव की सबसे महत्वपूर्ण समस्या गंदगी है और इसका सबसे बड़ा कारण लोगों में जागरूकता का न होना है. उन्होनें कहा की शहरो में गंदगी का मुख्य कारण लोगो में साफ़-सफाई के प्रति लापरवाही का होना है.
हम अपना घर तो साफ़ चाहते है परन्तु आस-पास के इलाके को नहीं. असल में तो कूड़े और गंदगी को सड़ाकर या अन्य विधियों से न सिर्फ ईंधन के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है बल्कि ऐसे कचरे से बिजली भी बनाई जा सकती है.
समय आ गया है की अब हम सभी मिलकर एक अभियान चलाये और सड़क पर फैली गंदगी को देखकर नाक-मुंह सिकोड़ने के बजाय साफ-सफाई को लेकर खुद को और अपने बच्चों को जागरुक बनाये.
हमें अपने मित्रों एवं पड़ोसियों को भी यह समझाना होगा कि जिस तरह गंदगी से हमारा घर अच्छा नहीं लगता उसी तरह सड़क पर फैला कचरा भी हमारे समाज को अशोभनीय बना देता है. हमें अपने घर की तरह समाज को साफ सुथरा रखने का संकल्प भी लेना होगा.
हम बदलेंगे तभी युग बदलेगा, हम सुधरेंगे तभी युग सुधरेगा- यही सफाई अभियान का सार है. उन्होनें एसडी कॉलेज के एनएसएस कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा की वे जो कुछ भी कर रहे है इससे समाज की साफ़-सफाई के प्रति आँखें अवश्य खुलेगी.
एनएसएस प्रभारी डॉ राकेश गर्ग ने कहा की स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया भारत सरकार का अभियान है. यह एक महत्वपूर्ण विषय है और हमारे बच्चों और छात्रों को इसकी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है.
यह अभियान सामाजिक और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया है जिसने शहरों और गावो को साफ़-सफाई के लिए प्रेरित किया है. इस अभियान में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, गलियों व सड़कों की सफाई, देश के बुनियादी ढांचे को बदलना, ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों को स्वच्छ बनाना आदि शामिल है.
इस अवसर पर डॉ एसके वर्मा, डॉ मुकेश पुनिया, दीपक मित्तल भी इस अभियान का हिस्सा बने.