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बाल दिवस के अवसर पर चंदन बाल विकास पब्लिक स्कूल आट्टा के प्रांगण में दो दिवसीय वार्षिक खेल उत्सव का हुआ शुभारंभ

बाल दिवस के अवसर पर चंदन बाल विकास पब्लिक स्कूल आट्टा के प्रांगण में दो दिवसीय वार्षिक खेल उत्सव का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में भाषण व कविताओं के माध्यम से जवाहर लाल नेहरू के विषय में बताया गया । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में क्रीड़ा भारती संगठन मंत्री उमेश कुमार, एच यू एस ए के प्रेसिडेंट राजेन्द्र प्रसाद शर्मा और जिला सचिव क्रीड़ा भारती सोनीपत जितेन्द्र जागलान ने शिरकत की । आए हुए अतिथियों का विद्यालय प्रबंधन समिति, विद्यार्थियों, अध्यापकगण तथा अभिभावकों ने फूलमाला पहना व पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। दीप प्रज्जवलन के साथ ही सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई। मंच का संचालन श्रीमति हरजीत कौर की देखरेख में मुस्कान, महक व अंकित ने किया। अतिथियों के स्वागत में कक्षा 11वी और कक्षा 12वीं की छात्राओं ने स्वागत गीत गाया गया, जिसके बाद प्रबंधक नरेश कुमार ने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथि का विद्यालय में आकर बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया गया । ध्वजारोहण के बाद विद्यालय के चारों सदनों द्वारा मार्च पास्ट की प्रस्तुति दी गई, जिसके बाद खेल दिवस का आरंभ हुआ ।
खेलों में 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 1500 मीटर, 3000 मीटर, लंबी कूद, उंची कूद, डिस्कस थ्रो, रस्सा कस्सी आदि खेल शामिल रहे । कक्षा नर्सरी से यूकेजी तक रिंग, रेबिट रेस, रस्सी कूदना और कक्षा पहली से लेकर कक्षा चौथी तक लेमन, हर्डल, साधारण रेस, थ्री लेग रेस , बोरी रेस व 50 मीटर दौड शामिल थी । ऊंची कूद में सनफ्लावर हाउस ने स्वर्ण पदक, डेजी सदन ने रजत पदक तथा लोटस हाउस ने कांस्य पदक प्राप्त किया । लंबी कूद, डिस्कस थ्रो व ऊंची कूद में ओमवीर, दीपिका, हर्ष व साहिल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं अंकित, नैन्सी , शुभम व चिराग ने द्वितीय स्थान और हर्ष, महक, ओमवीर तथा रौनक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
श्री राजेन्द्र प्रसाद शर्मा जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि ग्रामीण आंचल में स्थित होते हुए भी विद्यालय में बच्चों को हर प्रकार की सुविधाएं मिली है। शिक्षा के साथ-साथ खेलों का भी महत्व है, जिससे हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो सकें। वहीं जितेन्द्र जागलान ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेल स्पर्धा भावना से खेलने चाहिए। हार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि हार ही जीत का प्रथम सोपान है।
साथ ही उमेश कुमार ने भी बच्चों को खेलों के महत्व से अवगत कराया । प्रबंधक नरेश ने अनुशासन के लाभ और खेलों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यही एक ऐसी चीज है जो हमें सफलता की ओर अग्रसर करती है । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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