कर्ण झील पर बढ़ेगा सैलानियों का आकर्षण, झील के पुर्नविकास को लेकर के.एस.सी.एल. की ओर से बुक कैफे के निर्माण का काम शुरू – उपायुक्त निशांत कुमार यादव
सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र बनाने के मकसद से, करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड नेशनल हाईवे पर कर्ण लेक के नाम से मौजूद झील के पुर्नविकास को लेकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। मंगलवार को उपायुक्त एवं केएससीएल के सीईओ निशांत कुमार यादव ने स्मार्ट सिटी टीम के साथ यहां का दौरा किया और इसकी एक साईट पर बनाए जा रहे बुक कैफे के कार्य का निरीक्षण किया तथा झील के बीच में फ्लोटिंग फाउंटेन लगाने, सीढिय़ों का निर्माण, फूड कोर्ट का विस्तार, फुटपाथ व साइकिल ट्रेक जैसे कार्यों की ड्राईंग और साईट देखी। उन्होंने दौरे में मौजूद निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए कि बुक कैफे भवन से अलग जो भी कार्य हैं, उन्हें समानांतर शुरू कर दें।
बता दें कि वर्ष 1974 में करीब 14 एकड़ में स्थित मानव निर्मित झील का उद्घाटन हरियाणा के तत्कालीन गर्वनर बीरेन्द्र नारायण चक्रवर्ती ने किया था। इसे पहले चक्रवर्ती लेक कहा जाता था, बाद में इसका नाम कर्ण लेक रखा गया। वैसे भी यह पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। इसके चण्डीगढ़ और दिल्ली के मध्य होने से वी.आई.पी. यहां कुछ समय के लिए ठहराव करते हैं और जल-पान लेकर अपने गंतव्य पर चले जाते हैं, हालांकि लोग अच्छा-खासा समय बिताने के लिए भी यहां आते रहते हैं, उनके लिए बहुव्यंजन रेस्तरां, बार और उपहार की दुकानो के साथ-साथ सुकून के लिए टहलने और नौका विहार जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
झील के मध्य छोर पर एक टापूनुमा जगह पर बनकर तैयार होगा बुक कैफे- निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने जानकारी दी कि झील के एक मध्य छोर पर टापूनुमा जगह पर बुक कैफे का निर्माण शुरू हो गया है। इसकी बिल्डिंग अगले दो-तीन महीनो में पूरा हो सकती है। इसमें क्या खूबियां रहेंगी, इस बारे उन्होंने बताया कि यह झील की एक शांत जगह पर पेड़ो के झुरमुट में बनाया जा रहा है, लोग यहां कॉफी पीने आएंगे और पुस्तकें पढ़ेंगे, यह सब सुविधाएं होंगी। कोई पुस्तक खरीदना चाहे, उसे खरीद भी सकता है। इसके साथ ही फुटपाथ और साइकिल ट्रेक बनाए जाएंगे। उन्होंने इन कामो की ड्राईंग देखी, फिर कुछ निर्देश के बाद ओके कर दिया।
इसके पश्चात उन्होंने झील का राउण्ड लिया और जहां पाथ-वे बनने हैं, फूड कोर्ट का विस्तार किया जाना है तथा फाउंटेन लगाया जाना है, उन जगहों को देखा ओर उस पर चर्चा करने के बाद उसे भी ओके कर दिया। उन्होंने बताया कि झील के पुर्नविकास परियोजना में बुक कैफे और फाउंटेन, दो नए व अहम कार्य शामिल होने जा रहे हैं, इससे निसंदेह यहां का आकर्षण बढेगा। फाउंटेन का काम द्वितीय चरण में शुरू किया जाएगा, जिसमें साथ मल्टी मीडिया शो होंगे। उन्होंने बताया कि झील का एरिया 14 एकड़ में है, जबकि पुर्नविकास परियोजना में 22 एकड़ एरिया में विकास कार्य करवाए जाएंगे।
कर्ण लेक की विजिट के बाद उपायुक्त ने कैलाश रोड से कुंजपुरा रोड तक नवनिर्मित सड़क के दोनो ओर लगाई गई इंटरलॉकिंग टाईलों के कार्य का निरीक्षण किया। इन कार्यों से अब सड़क की चौड़ाई 33 फुट यानि 10 मीटर हो गई है, दोनो ओर टो-वाल भी बनाई गइ है। बतौर उपायुक्त अब डिवाईडिंग और दोनो साईड पर सफेद पट्टियां लगाई जाएंगी। करीब 2 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण भी स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से करवाया गया है। इस सुविधा से यातायात सुगम हुआ है और इस क्षेत्र की सूरत ही बदल गई है, लोगों का रहन-सहन भी बेहतर हो गया है।
उन्होंने इसके बाद एन.एच. के साथ लगते विशाल अटल पार्क के सौंदर्यकरण को लेकर स्मार्ट सिटी की ओर से करवाए जा रहे कार्योँ का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य प्रवेश द्वार, वाटर बॉडी के एक छोर पर निर्माणाधीन ओपन एयर थिएटर की प्रगति तथा एक खूबसूरत वाटर चैनल में चलते हुए फव्वारों को देखा, जो देखने वालों को सहसा अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। उन्होंने इसके कॉन्ट्रैक्टर को निर्देश दिए कि दिन में 12 से 2 बजे तथा सांय से 4 से 8 बजे तक फव्वारे नियमित चलते रहें।
फोटो कैप्शन:- डीसी निशांत कुमार यादव बुक कैफे की ड्राईंग व निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए।
कर्ण लेक पुर्नविकास परियोजना में शामिल अन्य कार्यों का निरीक्षण करते डीसी।
नवनिर्मित कैलाश रोड पर लगाई गई टाईलें।