इंडिया की दहाड़ में विज्ञापन

भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करवाकर भ्रब्टाचारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने व उन्हें पदों से हटाने की मांग।

जन संघर्ष समिति भिवानी ने राज्य की नौकरियों की परीक्षाओं में पेपर लीक करवाकर भ्रष्टचार करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के लिए जिला उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन भिजवाया है, जिला उपायुक्त की ओर से ज्ञापन जिला साखिकी अधिकारी सरताज सिंह ने लिया। ज्ञापन में जन संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड ओमप्रकाश ने राज्यपाल महोदय से मांग की है कि राज्य के जिन अधिकारियों के इन घोटालों में नाम सामने आए हैं, उनको तुरन्त पदों से हटाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चौधरी बन्शीलाल विश्वविधालय के वर्तमान परीक्षा नियन्त्रक का नाम आने तथा राज्य विजिलैंस द्वारा जांच बैठाने के बाद भी वह अधिकारी अपने पद पर कायम है। वह न केवल पद पर कायम है, बल्कि उसे संघ परिवार से सम्बन्ध होने के कारण जानबूझ कर बचाया जा रहा है। जब उसकी विजिलैंस की जांच पड़ताल आई तो उसे जानबूझ कर लम्बी छुट्टी भेजकर छिपादिया गया। जब मामला ठंडा पड़ गया तब उसे कलीन चिट देकर उसी पद पर बैठा दिया गया। वह वर्तमान विश्वविधालय के कुलपति का रिश्तेदार बताया जाता है। इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि सरकार अपने नजदिकियों व संघ के लोगों को बचाने में लगी हुई है। वह भर्ती घोटालों की स्वतन्त्र व निष्पक्ष जांच करने में कोई रूचि नहीं ले रहीहै। सिर्फ जनता व युवाओं की आंखों में धूल झोंक रही है, जांच करने व दोषियों को पकडऩे का नाटक कर रही है। उन्होंने राज्यपाल महोदय से मांग की है कि चौ0 बन्सीलाल विश्वविधालय के परीक्षा नियन्त्रक को तुरन्त पद से हराया जाए और जब तक उसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच न हो, तब तक उन्हें इस पद पर न रखा जाए। समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि इस विश्वविधालय में बहुत अनियमितताएं चल रही हैं, संघ के लोगों को कानूनों की उलंघना करके भर्ती किया जा रहा है, आए दिन संघ के लोक प्रिय विषयों पर विचार गोष्ठियां आयोजित करके उनको बुलाया जा रहा है,विश्वविधालय परिसर में ही अखण्ड भारतमाता मन्दिर बनाने की योजना चल रही है। 2014 के बाद कोई कानवोकेशन समारोह नहीं किया गया। एक तरह  से विश्वविधालय परिसर को संघ की गतिविधियों का केन्द्र बना कर रख दिया है। अत: राज्यपाल महोदय से मांग की गई है कि शिक्षा केन्द्र की स्वायतता बरकरार रखते हुए निहित राजनीतिक गतिविधियों पर तुरन्त रोक लगाए। ज्ञापन देने वालों में किसान नेता रामफल देशवाल, प्रत्तापसिंह सिंहमार, अध्यापक नेता बिजेन्द्र धनाना, अमित झरवाई, मदन लाल व विनोद सांगा शामिल थे।

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