“यूनियन बजट 2022-23: शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के नए अवसर” पर वेब चर्चा
एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में
“बजट में युवाओं के लिए नई संभावनाएं” पर विशेष फोकस
“समग्र शिक्षा अभियान छात्रों के भविष्य निर्माण में अहम कड़ी साबित होगा”: विषय विशेषज्ञ डॉ दीपा वर्मा
एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में “यूनियन बजट 2022-23: शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के नए अवसर” पर वेब चर्चा का आयोजन किया गया जिसमे लगभग 250 छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों ने विषय विशेषज्ञ डॉ दीपा वर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर वाणिज्य विभाग के विद्वतापूर्ण एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान को सुना और बजट की विशेषताओं एवं विशेष बातों को जाना-समझा. वेब चर्चा का आयोजन वाणिज्य एसोसिएशन एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में हुआ. एमकॉम में गोल्ड मेडलिस्ट और एमबीए एवं पीएचडी की उपाधि से अलंकृत डॉ दीपा वर्मा ने बहुत ही सरल और रोचक भाषा में यूनियन बजट को विद्यार्थियों को समझाया. प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने वेब चर्चा की विधिवत शुरुआत की और यूनियन बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य में नए आयाम स्थापित करने पर इसकी तारीफ़ की.
डॉ दीपा वर्मा, विषय विशेषज्ञ ने अपने व्याख्यान में कहा की यूनियन बजट 2022-23 में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए कई सौगात दी गईं है. डिजिटल एजुकेशन पर जोर से लेकर डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना करना और कक्षा एक से लेकर कक्षा 12 के लिए ई-विद्या का प्रावधान इस बजट की मुख्य विशेषता है. पीएम ई-विद्या 2022 के तहत शिक्षा देने के उद्देश्य से पहले 12 टीवी चैनल चलाए जाते थे जिन्हें अब 200 टीवी चैनल तक बढ़ा दिया जाएगा. इस बार के बजट की खास बात यह भी है कि इस साल के बजट में शिक्षा क्षेत्र को रिकॉर्ड हिस्सेदारी मिली है. सरकार ने साल 2022-23 के बजट में शिक्षा के लिए 1 लाख 4 हजार 277 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. सार्वभौमिक शिक्षा के लिए इस बजट में सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत करीब 37,383 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. समग्र शिक्षा अभियान छात्रों के भविष्य निर्माण में अहम कड़ी साबित होगा. इस बजट में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिए आवंटन को भी बढ़ाकर 8,495 करोड़ कर दिया गया है. वहीं, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और एआईसीटीई के लिए भी 5321 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा है. इस बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए भी कई घोषणाएं की गईं हैं. सरकार ने आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देते हुए स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत का इजाफा किया है. प्राइमरी लेवल से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर अब सरकार का ख़ास ध्यान रहेगा. सरकार नई बीमारियों को लेकर विशेष सावधानी बरतेगी और इस पर जो खर्च आएगा वह नैशनल हेल्थ मिशन से अलग हट कर होगा. इस बजट के अनुसार देश में 75 हजार नए ग्रामीण हेल्थ सेंटर खोले जाएंगे और देश के सभी जिलों में जांच केंद्र और 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल भी खोले जाएंगे. 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर फोकस किया जाएगा और स्वच्छता के लिए करीब 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जायेगी. शहरी स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छ हवा की उपलब्धता पर सरकार का विशेष ध्यान रहेगा. इस बार का बजट देश के बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करगा और ढांचागत विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा. विदित रहे की कृषि क्षेत्र के बाद निर्माण क्षेत्र ही सर्वाधिक रोजगार देता है. आने वाले 5 सालों में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना की मदद से करीब 60 लाख नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है जिसका भरपूर फायदा युवाओं को मिलेगा. उन्होनें कहा की इस बार के बजट में खेती-किसानों, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, युवा आदि सभी क्षेत्रों के लिए कुछ न कुछ अवश्य है और जल्द इसके लाभ हमें देखने को मिलेगे.
प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा की यूनियन बजट 2022-23 में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, डिफेंस, रोजगार, उद्योग सभी के समग्र विकास पर फोकस किया गया है. आम आदमी बजट को अच्छे से जान और समझ नहीं पाता परन्तु डॉ दीपा वर्मा ने इसे बड़ी सरल भाषा में समझाया है.
वेब चर्चा में डॉ राकेश गर्ग, प्रो दीपिका अरोड़ा मदान, डॉ पवन कुमार, प्रो मनोज कुमार, प्रो सोनिका, प्रो मनमीत, प्रो आशीष, प्रो नम्रता अरोड़ा, प्रो हिमानी ने भी शिरकत की.
प्राचार्य
(डॉ अनुपम अरोड़ा)