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एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में सात दिवसीय एनएसएस विशेष कैंप 2022 की  विधिवत शुरुआत

कैंप का थीम :कोविड-19 के रोकथाम और शमन में युवाओं की भूमिका   

डॉ दिनेश राणा एनएसएस कोऑर्डिनेटर कुरुक्षेत्र विश्वविधालय ने किया उदघाटन

भारत को जाने, भारत को माने, भारत को पहचाने युवा: डॉ दिनेश राणा      

आज एसडी पीजी कॉलेज में कुरुक्षेत्र विश्वविधालय के एनएसएस पाठ्यक्रम के अनुसार एवं आजादी का अमृत महोत्सव पर्व के अवसर पर सात दिवसीय एनएसएस विशेष कैंप 2022 का विधिवत आगाज हुआ जिसमे कॉलेज के एनएसएस कार्यकर्ता भाग ले रहे है. सात दिवसीय कैंप का थीम “कोविड-19 के रोकथाम और शमन में युवाओं की भूमिका” है. कैंप की विधिवत शुरुआत एवं उदघाटन डॉ दिनेश राणा एनएसएस कोऑर्डिनेटर कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र ने किया. माननीय मेहमान का स्वागत एसडी कॉलेज प्रबंधकारिणी के जनरल सेक्रेटरी तुलसी सिंगला, उप-प्रधान मनोज सिंगला, कोषाध्यक्ष विकुल बिंदल, प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, एनएसएस अधिकारी डॉ राकेश गर्ग और डॉ संतोष कुमारी ने किया. कैंप में 110 एनएसएस कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे है और यह शिविर एक सप्ताह चलेगा. कार्यकर्ता काबड़ी गाँव में जाकर वहां बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, स्वच्छता अभियान, डीजीटाईजेशन, भ्रूण हत्या, नशा मुक्ति, कुपोषण, साक्षरता, रोजगार जैसे सामाजिक हित के विषयों पर गम्भीरता के साथ कार्य करेंगे और समाज में जागरूकता फैलायेंगे. इस अवसर पर माननीय मेहमान ने प्रबंधकारिणी, प्राचार्य और स्टाफ सदस्यों के साथ मिलकर कॉलेज प्रांगण में पौधारोपण किया और पर्यावरण को संजोने का आह्वान किया. इस मौके पर एनएसएस कार्यकर्ताओं ने सांस्कृतिक गतिविधियाँ पेश करते हुए नृत्य और गायन के माध्यम से सबके मन को प्रफुल्लित किया. मंच संचालन डॉ संतोष कुमारी ने किया.

अपने उदघाटन भाषण में डॉ दिनेश राणा ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से युवा खुद में व्याप्त गुणों के आधार पर अपने भविष्य का निर्माण कर सकते है. सच्चे एनएसएस कार्यकर्ता वह है जो भारत को जानता है, मानता है और पहचानता है. आत्मनिर्भरता के गुण को विकसित करने में एनएसएस की अहम भूमिका है. अलग सोच रखना, खुद पर भरोसा करना और दूसरों के साथ मिलकर कार्य करने से ही आत्मनिर्भरता आती है.

प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा की एनएसएस एक कल्याणकारी सोच है और इसके माध्यम से सकारात्मक कार्य कर समाज और देश का हित किया जाता है. समाज की मदद करने वाला व्यक्ति समाज में अपने आप ही विशिष्ट बन जाता है. सामाजिक कार्यकर्ता किसी भी व्यक्ति या समूह की सम्पूर्ण स्थिति को समझकर उसके साथ कार्य करता है. ‘मैं नहीं, तुम’ का भाव लिए एनएसएस हमें समर्पण भाव से सभी कुछ दूसरों के लिए न्यौछावर करने का भाव सिखाता है.

प्रोग्राम ऑफिसर डॉ राकेश गर्ग ने कहा की एनएसएस की गतिविधियों में भाग लेने से छात्र-छात्राओं में मदद करने और दया-भाव के गुण भी पैदा होते है. साक्षरता संबंधी कार्य, पर्यावरण सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं सफाई, आपातकालीन या प्राकृतिक आपदा के समय पीड़ित लोगों की सहायता, जल संरक्षण, साक्षरता आदि ऐसी गतिविधियाँ है जिनमे ये सभी कार्यकर्ता बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे. यदि सभी विद्यार्थी कम उम्र से ही समाजपयोगी कार्यों में व्यस्त रहना शुरू कर दे तो उनके व्यक्तित्व का अद्भुत निर्माण हो सकता है.

इस अवसर पर स्टाफ सदस्यों में डॉ संगीता गुप्ता, प्रो अन्नू आहूजा, डॉ मुकेश पुनिया, डॉ एसके वर्मा, प्रो कविता, प्रो किरण मलिक, प्रो मनोज कुमार, प्रो मनमीत, प्रो आशीष गर्ग, दीपक मित्तल आदि उपस्थित रहे.

 

 

 

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