15 मार्च को वन मजदूर करेंगे धरना प्रदर्शन
मजदूरों ने वन मण्डल अधिकारी पर लगाया मानी गई मांगों की अनदेखी करने का आरोप
अपनी 14 सूत्रीय मांगों के समर्थन में वन मजदूर आगामी 15 मार्च को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन यहां मण्डल कार्यालय के बाहर करेंगे। यह निर्णय यहां वन मण्डल कार्यालय में बैठक की अध्यक्षता करते हुए वन मजदूर यूनियन के राज्य प्रधान विजय शर्मा ने सभी पदाधिकारियों की सहमति से लिया।
इस बैठक में राज्यभर के सभी जिलों से पदाधिकारियों ने भाग लिया।उन्होंने कहा कि वन मण्डल अधिकारी मानी गई मांगों को भी लागू नहीं कर रहा है। जिसके चलते वन मजदूरों में रोष है। लगातार मजदूरों का शोषण किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि वन मण्डल अधिकारी के खिलाफ 14 मार्च को गुरूग्राम सर्कल में व 15 मार्च को हिसार व अम्बाला सर्कल में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
अगर सरकार ने मानी गई मांगों को लागू नहीं किया तो उनका यह धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन आंदोलन में बदल सकता है। समय रहते सरकार उनकी मांगों को पूर्ण अन्यथा मजदूर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का बिगुल बजा देंगे।
ये हैं मजदूरों की मांगे समय पर वेतन का भुगतान करने, ठेकेदारी प्रथा को बंद कर मस्टरोल प्रणाली लागू करने, हरियाणा वन विभाग में कार्यरत सभी मजदूरों की लिस्ट सार्वजनिक की जाने, वर्ष 2003 के पॉलिसी के पात्र मजदूरों का रिकार्ड शुद्धिकरण करवाकर उनके साथ बिलो का रिकार्ड जोडने, लेबर कोर्ट द्वारा अवार्डिड मजदूरों का बैकवेजिज का भुगतान, मजदूरों का इपीएफ व इएसआई का लाभ दिया जाने,
उच्च न्यायालय द्वारा अवार्डिड मजदूरों को नियमित करने, सभी मजदूरों की वरिष्ठता सूची बनाये जाने, मजदूरों के पहचान के लिए विभाग की तरफ से वर्दी, जूते, जैकेट, कार्य के औजार दिये जाने, सभी पुराने मजदूरों को काम पर रखे जाने, दुर्घटनाग्रस्त मजदूरों को मुआवजा देने, सभी वन मजदूरों के पहचान पत्र बनाये जाने, विभाग में कार्यरत सभी मजदूरों को कुशल व अर्धकुशल श्रेणी के आधार पर वेतन दिया जाने,
विभाग की सभी नर्सरियों में शोचालयों की व्यवस्था करवाई जाने, लेबर कोर्ट से अवार्ड हुए मजदूरों को मेस्टरोल पर रखे जाने, श्रमिकों के नियमित सर्विस रूल बनाये जाने, मेस्टरोल पर कार्यरत मजदूरों जिनकी आयु 60 वर्ष में रिटायर किया जाए और उन्हें लाभ दिये जाने, श्रम विभाग द्वारा बढे हुए रेटों की अधीसूचना जारी होते ही न्यूनतम वेतन लागू किये जाने, सभी पुराने वन मजदूरों को उच्च कुशल श्रेणी का काम दिये जाने और पढ़े लिखे मजदूरों को उच्च श्रेणी का दर्जा दिये जाने की मांग की।
इस अवसर पर रामेश्वर भारद्वाज, दोलतराम, जयभगवान, टेकराम, आनंद शर्मा, महाबीर, सुरेश, नरेंद्र, सोमबीर, मीर सिंह, ईश्वर आदि वन मजदूर उपस्थित थे।