11 गांवो की 6 हजार एकड़ भूमि होगी सिंचित
सेक्टर-4 स्थित 50 एमएलडी के एसटीपी से उपचारित पानी का सिंचाई में होगा प्रयोग, विभाग की ओर से करनाल ट्रीटिड वेस्ट वाटर माईक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट पर काम शुरू, मुकम्मल होने पर 11 गांवो की 6 हजार एकड़ भूमि होगी सिंचित-नरेश नरवाल, निगमायुक्त।
नगर निगम के 3 एसटीपी पर ग्रे-वाटर हो रहा उपचारित, 3 एसटीपी जल्द होंगे मुकम्मल, क्षमता के हिसाब से अगले 20 सालों में एसटीपी निर्माण की नहीं होगी जरूरत।
करनाल 7 अप्रैल, नगर निगम की ओर से शहर के सेक्टर-4 स्थित 50 एम.एल.डी. क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी को खेतो में प्रयोग करने केप्रोजेक्ट पर सिंचाई विभाग ने काम शुरू कर दिया है। इसे करनाल ट्रीटिड वेस्ट वाटर माईक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। प्रोजेक्ट के अनुसार 50 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 46 मीलियन लीटर उपचारित पानी से इसके आस-पास लगते 11 गांवो की 6 हजार एकड़ भूमि सिंचित हो सकेगी। फिलहाल इसमें भूमिगत पाईप लाईन बिछाने के काम की शुरूआत हो गई है, लेकिन मुकम्मल होने पर एक साल से अधिक का समय लग सकता है। इस प्रोजेक्ट में 56 करोड़ 18 लाख रूपये की राशि खर्च होगी। गुरूवार को नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने यह जानकारी दी।
प्रोजेक्ट को लेकर निगमायुक्त ने आगे बताया कि एसटीपी से उपचारित पानी का प्रयोग जिन गांवो में किया जाएगा, उनमें रांवर, ऊंचा समाना, पीपल वाली, शेखपुरा, गंजोगढ़ी, अलीपुर माजरा, रसूलपुर, कैरवाली, कुटेल और दादुपुर रांगडान शामिल हैं। उपचारित पानी से जिन किसानो की खेती को पानी दिया जाएगा, उनसे जायज शुल्क लिए जाने पर सिंचाई विभाग प्लान करेगा। बता दें कि सिंचाई विभाग की करनाल डिविजन द्वारा घोघड़ीपुर के पास 10 व 8 एमएलडी के, शिव कॉलोनी व हकीकत नगर क्षेत्र में मुकम्मल हो चुके 2 एसटीपी से उपचारित साढे 5 क्यूसिक जल से 2100 एकड़ को सिंचित करने का एक अन्य प्रोजेक्ट भी सिरे चढ़ा है। इसका टैण्डर हो चुका है और इसी महीने इसका काम शुरू हो जाने की प्रबल उम्मीद है। 50 एमएलडी प्लांट से उपचारित पानी के सदुपयोग के लिए जो प्रोजेक्ट लिया गया है वह इन्द्री जल सेवाओं का है। गौर हो कि इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते दिनो एसटीपी पर अपनी विजिट के दौरान सिंचाई विभाग को निर्देश दिए थे। सिंचाई विभाग के अनुसार प्रदेश के अम्बाला, टोहाना जैसी जगहों पर इस तरह के प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।
नगर निगम क्षेत्र में यह हैं एस.टी.पी. की स्थिति- निगमायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि वैसे तो नगर निगम की ओर से इसके अधीन क्षेत्र में 6 एसटीपी हैं, जिनमें से सेक्टर-4 स्थित 50 एमएलडी, घोघडीपुर स्थित 10 एमएलडी और आरके पुरम स्थित 8 एमएलडी एसटीपी मुकम्मल हैं और इनमें ग्रे-वाटर को उपचारित किया जा रहा है। जबकि फूसगढ़ स्थित 20 एमएलडी एसटीपी व शिव कॉलोनी स्थित 8 एमएलडी के एसटीपी मुकम्मल होने हैं, कम्बोपुरा स्थित 8 एमएलडी का एक अन्य एसटीपी निर्माणाधीन है। इन सभी को मिलाकर एसटीपी से उपचारित पानी की क्षमता 104 मीलियन लीटर डेली हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 50, 10 व 8 एमएलडी क्षमता के तीन संयत्रों से रोजाना करीब 56 एमएलडी पानी को उपचारित किया जा रहा है। फिलहाल इस पानी से ग्रीन बेल्ट व डिवाईडर पर लगे पेड़-पौधों की सिंचाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से ठेकेदारों को भी निर्माण कार्य में उपचारित पानी को प्रयोग में लेने के लिए कहा गया है। खास बात यह है कि क्षमता के हिसाब से अगले 20 सालो में जिला में नए एसटीपी के निर्माण की जरूरत ही नहीं होगी।
निगमायुक्त ने बताया कि फूसगढ़ स्थित 20 एमएलडी के एसटीपी प्लांट और शिव कॉलोनी स्थित 8 एमएलडी के एसटीपी प्लांट के निर्माण का कार्य टाटा कम्पनी को दिया गया था, लेकिन बार-बार मुकम्मल करने की डेडलाईन पर खरा न उतरने के कारण अब कम्पनी के खिलाफ क्लॉज-2 में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
निगमायुक्त ने यह भी बताया कि नगर निगम क्षेत्र में अमरूत के तहत सीवर लाईने डालने का काम किया गया है। इसके तहत कुल 1 लाख 50 हजार 653 मीटर लम्बाई की लाईने डाली जानी है, जिनमें से 1 लाख 48 हजार 200 मीटर लम्बी लाईने यानि 98.37 प्रतिशत का काम पूरा हो चुका है। इन लाईनो पर 13 हजार 150 हाऊस होल्ड कनैक्शन दिए जाने प्रस्तावित थे, जिनमें से 9475 कनैक्शन दिए जा चुके हैं।