सामाजिक समरसता के बगैर राष्ट्र का विकास संभव नहीं : प्रो.अजीत
आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में डॉ.भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। विस्तार व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर ए. आर. एस.डी कॉलेज, धौला कुआं, नई दिल्ली से प्रो.अजीत ने शिरकत की। कॉलेज प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने विस्तार व्याख्यान के शानदार सफल आयोजन के लिए कॉलेज के इतिहास व राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.विजय सिंह सहित अन्य स्टाफ सदस्यों को बधाई दी।
प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने बताया कि डॉ.भीमराव अंबेडकर पूरे विश्व के लिए प्रेरणा के स्रोत है। संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर के कारण ही आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य वक्ता सहित सभी श्रोताओं का स्वागत कर आभार व्यक्त किया।
मुख्य वक्ता प्रो.अजीत ने अपने वक्तव्य में बताया कि सामाजिक समरसता के बगैर राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि डॉ.भीमराव अंबेडकर ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और बुराइयों के खिलाफ भी आम जनमानस को जागरूक किया। डॉ.भीमराव अंबेडकर ने अपनी लेखनी के माध्यम से भारतीय समाज को जागरूक करने का प्रयास किया. यदि भारत में जन चेतना, राष्ट्रवाद को विकसित बनाना है और शोषण रहित समाज को स्थापित करना है तो हमें अपने धर्म-जातिगत भावनाओं से ऊपर उठकर एकजुट होकर देश के विकास के लिए कार्य करना होगा और यह तभी संभव है जब समाज में रह रहे सभी नागरिकों को मूलभूत अधिकार प्राप्त हो और उन्हें सम्मान से जीने का अवसर मिले।
डॉ.विजय सिंह ने कहा कि डॉ.भीमराव अंबेडकर के सपने को देश का युवा पूरा कर सकता है, देश के युवा के पास शिक्षा एवं निरंतर आगे बढ़ने के अवसर हैं, और युवा एक ऐसे समाज में संघर्ष कर रहा है जिस पर भारत के साथ-साथ वैश्विक, समसामयिक घटनाओं का भी असर है। इस मौके पर कॉलेज स्टाफ सदस्यों सहित अन्य मौजूद रहे।