किसान भवन में चोधर पर जंग, दो गुटों में जमकर चले लाठी-डंडे, १० से ज्यादा हुए घायल, मालपुरिया गिरफ़्तार !!
पानीपत में किसान भवन की चौधर के लिए छह महीने से चली आ रही जुबानी जंग संघर्ष में बदल गई। भारतीय किसान यूनियन किसान भवन के पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया व नवनियुक्त प्रधान सूरजभान रावल गुट में किसान भवन में जमकर लाठी-डंडे और लात-घुसे चले। बता दें कि इस जंग में दोनों गुटों के लगभग 20 किसान घायल हो गए। वहीं, एक किसान की हालात काफी गंभीर बतायी जा रही है। इसके साथ ही सोनू मालपुरिया पर भी लाठी भांजी गई। उन्होंने बड़ी मुश्किल से भागकर अपनी जान बचाई। कई किसानों को तो निजी अस्पताल में भी दाखिल कराया गया है। सूचना मिलते ही मॉडल टाउन थाना पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल किसान भवन को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया को हिरासत में ले लिया है और उनके गुट की एक गाड़ी को भी कब्जे में ले लिया है ।
बता दें कि मामला दोपहर के करीब साढ़े तीन बजे का है। जिसमें भारतीय किसान यूनियन किसान भवन के नवनियुक्त प्रधान सूरजभान रावल ने किसान भवन में हवन किया और बैठक शुरू की। इसमें किसानों की समस्याओं पर चर्चा हो ही रही थी की उसी वक्त पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया अपने साथ 30 से 40 लोगों को लेकर भवन में पहुंच गए । वहाँ पहुचने पर उन्होंने प्रधान के चुनाव पर हाईकोर्ट स्टे का ऑर्डर दिखाया। सोनू मालपुरिया ने दावा किया कि जगपाल रावल को जिला प्रधान बनाया है, जिसके बाद किसानों में तकरार शुरू हो गई। जिसमें सोनू मालपुरिया गुट के एक सदस्य रामनिवास गोयला कलां ने सूरजभान गुट के बलजीत को धक्का दिया। आरोप है कि जब इसका विरोध किया गया तो सोनू मालपुरिया गुट के लोगों ने पिस्तौल निकाल ली और गोली मारने की कोशिश की। वहीं, उन्होंने बुजुर्गों पर भी हमला कर दिया। सूरजभान गुट ने अपने और सभी किसानों के बचाव में उनसे डंडे छीनकर उन्हें भवन से बाहर निकाल दिया।
उनका कहना है कि इस जंग के दौरान कई बुजुर्ग किसानों को पीटा गया। वहीं, उनका आरोप है कि जब डंडे पड़ने लगे तो सोनू मालपुरिया गुट गोली मारने की धमकी देकर वहाँ से फरार हो गया। सूरजभान गुट ने सोनू मालपुरिया, जगपाल रावल, रामनिवास गोयला कलां, जोगेंद्र, विनोद, जसबीर, नफे सिंह नौल्था और पांडे के साथ काला कवी पर हमला करने के आरोप लगाए हैं। हमले में नीरज गोयला खेड़ा, राजबीर, चूहड़ सिंह, हरेंद्र राणा, सतनारायण, राजू, सोनू, बलजीत, रामनिवास, राजबीर सिंह और राममेहर समेत कई किसानों को काफी चोट आई हैं। पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया गुट का कहना है कि चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है इसलिए जगपाल ही प्रधान रहेंगे। उनका कहना है की वे हाईकोर्ट ऑर्डर लेकर मॉडल टाउन थाना में गए थे, जहां से रिसीविंग कराकर किसान भवन आए। उन्होंने किसान भवन पहुंचकर जब पत्र दिखाया तो सूरजभान गुट ने उनके बुजुर्गों पर डंडों से हमला कर दिया। इसमें जगपाल, राजेंद्र आट्टा,रामनिवास को काफी चोटें आई हैं और रामनिवास के सिर में 33 टांके आए है । उनकी हालत बहुत ज्यादा गम्भीर है। उल्टा पुलिस ने सोनू मालपुरिया को ही हिरासत में लेकर उनका साथ नाइंसाफी की है।
ये था पूरा मामला….
बता दें कि अप्रैल में भारतीय किसान यूनियन किसान भवन के पूर्व प्रधान सोनू मालपुरिया का कार्यकाल पूरा हो गया था। जिसके बाद उन्होंने पंचायत में अपना कार्यकाल बढ़ाकर पांच साल कर लिया था। किसानों ने अप्रैल में सर्वसम्मति से कुराड़ गांव के पिंकू देशवाल को यूनियन का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। सोनू मालपुरिया ने उसके प्रधान चुने जाने का विरोध किया और उन्होंने अगस्त में बापौली में पंचायत बुलाकर अपने गुट के जगपाल रावल को प्रधान नियुक्त कर दिया। इसका पिंकू देशवाल ने विरोध किया। सितंबर में पिंकू ने अपने पद से इस्तीफा देकर प्रधानी सूरजभान रावल को सौंप दी, लेकिन सोनू मालपुरिया गुट उन्हें प्रधान मानने को तैयार नहीं था। सोनू मालपुरिया गुट जगमाल रावल को प्रधान बता रहा था। सूरजभान खुद को प्रधान बता रहे थे और इसी विवाद को शांत करने के लिए प्रशासन ने 11 सदस्यीय कमेटी बनाकर नए सिरे से चुनाव कराने का फैसला लिया था। जिसके बाद बापौली गांव के सरकारी स्कूल में चुनाव के लिए पंचायत बुलाई थी जहां बहुमत के समर्थन पर सूरजभान को प्रधान चुना गया था। सोनू मालपुरिया गुट इससे पहले ही इस चुनाव के खिलाफ हाईकोर्ट में जा चुका था। वह चुनाव को गलत करार दे रहे थे। किसान भवन में दोनों पक्षों के बीच झगड़ा होने की सूचना मिली , तो पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचीं। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है और किसानों से पूछताछ भी जारी है। इस झगड़े के जिम्मेदारों का पता लगाया जा रहा है। जांच में दोषी पर कार्रवाई की जाएगी !!