धूल और धूएं की मात्रा बढ़ने से शहर की हवा हो रही जहरीली, दमा वाले मरीजों को सांस लेने में हो रही परेशानी !!
पानीपत शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार छठे दिन यैलो जोन में रहा। बता दें कि पिछले छह दिनों से एक्यूआई धीर-धीरे बढ़ रहा है और बृहस्पतिवार को एक्यूआई 198 दर्ज किया गया। एक्यूआई बुधवार के मुकाबले 26 अंक बढ़ गया। इसके साथ ही इसमें पीएम-10 की अधिकतम मात्रा चार अंक बढ़कर 160 पहुंच गई है और पीएम-2.5 की अधिकतम मात्रा 34 अंक बढ़कर 215 पहुंच गई। जिसके चलते हवा में अब धूल और धुएं की मात्रा लगातार बढ़ रही है।पर्यावरण मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार हवा चलने की वजह से एक्यूआई स्थिर बना हुआ है, लेकिन अब तापमान जल्द गिरा व हवा का दबाव बढ़ा तो एक्यूआई दोबारा से बढ़ सकता है। इसलिए, प्रशासन को ग्रैप-4 के तहत सख्ती से काम करना होगा।
प्रशासन की लापरवाही के चलते आबोहवा हो रही खराब
प्रशासन की लापरवाही से ही शहर की आबोहवा खराब हो रही है। ग्रैप-4 के नियमों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। हवा में धूल के कणों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर नगर निगम को शहर की सड़कों व पेड़ पौधों पर, एनएचएआई को नेशनल हाईवे पर और पीडब्ल्यूडी को स्टेट हाईवे पर पानी का छिड़काव करना था, लेकिन यहां काम शुरू नहीं किया गया। इसलिए हवा में पीएम 2.5 की मात्रा लगातार बढ़ी है। उद्योगों से निकलने वाले धुएं तथा वाहनों के कारण पीएम-10 की मात्रा भी लगातार बढ़ रही है।
आबोहवा के चलते दमा वाले मरीजों को सांस लेने में हो रही दिक्कत महसूस
आपको बता दें कि हवा में अब तक 2.5 की मात्रा न्यूनतम 167, औसत 198 और अधिकतम 215 दर्ज की गई है। इसके साथ ही पीएम-10 की मात्रा न्यूनतम 147, औसत 153 और अधिकतम 160 दर्ज की गई है। वहीं, नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा न्यूनतम 24, औसत 30 व अधिकतम 32 दर्ज की गई है। अमोनिया की मात्रा न्यूनतम दो और औसत व अधिकतम तीन दर्ज की गई है। हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा न्यूनतम 22, औसत 25 व अधिकतम 28 दर्ज की गई। सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा न्यूनतम 12 व अधिकतम 13 दर्ज की गई है। जहरीली हुई आबोहवा से दमा, चमड़ी और हृदय के रोगी बढ़ रहे हैं। आबोहवा के चलते सुबह-शाम आंखों में जलन महसूस हो रही है और दमा वाले रोगियों को सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत महसूस हो रही है।
आने वाले दिनों में एक्यूआई कम होने की जताई जा रही उम्मीद
पर्यावरण मामलों के विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह ने बताया कि अब एक्यूआई दोबारा बढ़ रहा है और बृहस्पतिवार को एक्यूआई 198 पहुंच गया है, इसलिए प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। तापमान में गिरावट के साथ एक्यूआई बढ़ेगा। प्रशासन को पर्यावरण पर सख्ती से काम करना चाहिए। इसलिए प्रदूषण के कारकों का निरीक्षण होना जरूरी है। वहीं, आने वाले दिनों में भी एक्यूआई के कम होने की उम्मीद जताई जा रही है !!