Uncategorized

इंजीनियर की पढ़ाई के बाद चाचा-भतीजा ने शुरु किया कारोबार, कीड़ा मिलने पर पिता हुए आहत, तो लगाया कोल्हू !!

गन्ने से रस निकालता हआ मजदूर।

पानीपत के रहने वाले चाचा-भतीजा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद भी गुड़ बनाने का कारोबार शुरू किया ह। जैसे आजकल के युवा पढ़-लिखकर बड़ी-बड़ी नौकरियां पाने के लिए दिन-रात मेहनत करते है, वहीं पानीपत के रहने वाले चाचा-भतीजे की जोड़ी ने कमाल का कारोबार शुरू किया है। बता दें कि ये चाचा-भतीजा लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए गुड बनाते है और ये गुड़ भी आम नहीं हौ बल्कि ये ऑर्गेनिक गुड बना रहे हैं। आपको बता दें कि दोनों चाचा-भतीजा पानीपत के गांव ताजपुर के रहने वाले हैं। चाचा विजय (38) और भतीजे रिंकू (20) के इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी गुड़ बनाने की सोच के पीछे भी एक किस्सा जुड़ा हुआ है।

कीड़ा मिलने पर दादा ने लगाया कोल्हू
इसके साथ ही रिंकू बताते हैं कि उनके दादा माहल सिंह जो आर्मी में जवान थे, और जब वे छुट्टियों पर घर आए हुए थे तो उन्होंने गली में गुड़ बेचने वाले से अपने घर के लिए गुड़ खरीदा था। जब उस दौरान उन्होंनें गुड़ खरीदा तो गुड में कीड़ा निकला, जिससे वो बहुत आहत हुए। बस फिर इसी से आहत होकर उन्होंने अपने ही खेतों में गुड़ बनाने का कोल्हू लगा दिया।

इंजीनियर की पढ़ाई के बाद गुड़ का कारोबार किया शुरु

रिंकू ने बताया कि उनके चाचा ने इंजीनियर की पढ़ाई के बाद एक कंपनी में नौकरी की थी, लेकिन 2009 में उन्होंने नौकरी छोड़कर गुड़ का कारोबार शुरु कर लिया। इसके बाद धीरे-धीरे ऑर्गेनिक विधि से बने इस गुड़ की मार्केट में काफी डिमांड होने लगी। वो अपने कोल्हू के लिए कहीं और से गन्ना नहीं खरीदते थे।

जब उन्होंने शुरुआत की थी तब वो अपने 20 एकड़ में ही ऑर्गेनिक विधि से गन्ना उगाते थे और जब उनका ये व्यापार सही चलने लगा तो उन्होंने आसपास के खेतों को भी ठेके पर ले लिया। इसके बाद उन्होंनें गन्ने की बिजाई की। वहीं, आपको बता दें कि वे आज करीब 120 एकड़ में ऑर्गेनिक तरीके से गन्ने की बिजाई करते हैं और इस गन्ने से ही सारा साल गुड़ बनाकर बेचते हैं !!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *