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पानीपत अस्पताल में 200 रुपए की रेहड़ी करवाकर बेटे की जांच करवाने पहुंचा बेबस दिव्यांग पिता, लेकिन डॉक्टर न मिलने की वजह से बार-बार काट रहा अस्पताल के चक्कर !!

पानीपत में एक लाचार 60 वर्षीय दिव्यांग पिता अपने दिव्यांग बेटे का मेडिकल बनवाने के लिए 20 वर्षों से धक्के खा रहा है और अब बुधवार को भी डॉक्टरों ने दिव्यांग पिता को उसके बेटे की जांच कराने के लिए बुलाया था लेकिन जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर कोर्ट में गए हुए थे। अब फिर उन्हें शुक्रवार को अस्पताल में बुलाया गया है। हरी नगर कॉलोनी में रहने वाले रामकुमार ने बताया कि उसका बेटे के जन्म से ही दोनों पैर नहीं थे। अब वह 34 वर्ष का हो गया है लेकिन आज तक भी उसका मेडिकल नहीं बना है और न ही सरकार से कोई सहायता प्राप्त हुई है।

रोजाना 150 से 200 रुपए कमाने वाला व्यक्ति बार-बार काट रहा अस्पताल के चक्कर

उसने बताया कि जब भी डॉक्टरों के पास वो मेडिकल के लिए आते है तो कभी पीजीआई भेज देते है और कभी रोहतक भी डॉक्टर नहीं मिलते, ऐसे में रोजाना 150 से 200 रुपए कमाने वाला व्यक्ति कैसे बार-बार अस्पताल के चक्कर काटे। उसने बताया कि बुधवार को अस्पताल में ढाई किलोमीटर आने के लिए बेटे के लिए 200 रुपए रेहड़ी किराए पर करके लाया, लेकिन डॉक्टर नहीं होने की वजह से आज की रोजी रोटी भी नहीं कमा पाया और काम भी नहीं हुआ।

उसने बताया कि गुजारा करने के लिए भाई का 7 वर्षीय पोता गोद लिया हुआ है। अब घर में उसका दिव्यांग बेटा, 7 साल का बेटा और उसकी पत्नी मुनी देवी रहती है। घर का गुजारा करने के लिए उसने बीड़ी-सिगरेट का खोखा चलाया हुआ है जो रोजाना 150 से 200 रुपए कमाकर घर चलाता है। इसके साथ ही बेबस पिता का कहना है कि आज से 9 साल पहले उससे जितेंद्र नाम के व्यक्ति ने 20 हजार रुपए मेडिकल बनवाने के मांगे थे, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए आज भी वह धक्के खा रहा है !! “

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